बाल लीलाओं व कृष्ण- रुक्मणि विवाह व गोवर्धन पर्वत की झांकियों ने मोहा मन

भीलवाड़ा विजय सिंह पथिक नगर स्थित अग्रवाल भवन में चल रही भागवत कथा के छठे दिन श्री कृष्ण की बाल लीलाओं पर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। पूरा पंडाल कान्हा के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान श्रोता झूमने-नाचने लगे। स्वामी जगदीश पूरी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने तीन प्रकार की लीलाएं की है। पहली लीला जिसे हम बाल लीला कहते हैं। भगवान ने दुनिया को बताया कि आप सामर्थ्यशाली अवश्य हो सकते हैं लेकिन विनम्र इतने रहो कि चाहने वाले आपके समीप हों, तो कृष्ण की तरह नंगे पांव दौड़े चले आएं।
अग्रवाल समाज सेवा प्रन्यास, अग्रवाल महिला मंडल उत्तरी क्षेत्र, अग्रवाल युवा मंच के संयुक्त तत्त्वावधान में चल रही कथा में स्वामी ज़ी ने कहा कि दूसरी लीला रासलीला की है। सच्चा प्रेम जिस प्रकार से एक निर्धन व्यक्ति अनाज न होने पर भूखा सोता है। जिसके पास खाने के लिए सब कुछ है, लेकिन सब कुछ छोड़कर व्रत करता है। भूखा रहता है। सच्चा व्रत वही है जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने दुनिया को यह बताया कि स्त्री और पुरुष का एक साथ रहना एक दूसरे को प्रेम करना केवल शारीरिक आसक्ति नहीं हो सकती। बल्कि प्रेम और शारीरिक आसक्ति दोनों ही अलग-अलग है। प्रेम का तात्पर्य है बिना लाभ हानि के भावुक करना और शारीरिक आसक्ति का तात्पर्य है प्राप्त करना। तीसरी लीला कंस वध के बाद मथुरा से द्वारिका जाते हुए भगवान श्री कृष्ण दिखाया। स्वामी ज़ी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं मनोहारी थीं। बालरूप में वे माखन चोरी कर गोपियों को सताते थे। उनके घर शिकायत करने पर माता यशोदा गोपियों को डांटती थी। भगवान ने बालरूप में कई राक्षसों का वध किया। भगवान की महारास दिव्य लीला देखने के लिए स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। कृष्ण लीला के बाद कृष्ण संग रुक्मणि विवाह की मनमोहक झांकी सजाई गईं। स्वामी ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया। बताया कि रुक्मणी साक्षात लक्ष्मी और श्रीकृष्ण नारायण थे। विवाह के भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी की झांकी सजाई गई। भक्तों ने दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
प्रन्यास के अध्यक्ष रघुनाथ मित्तल एवं कार्यकारी अध्यक्ष जुगल किशोर बागडोदिया ने बताया कि कथा में विशेष रूप से गोबर से बनाए गए गोवर्धन पर्वत व श्री कृष्ण बाल लीलाओं की मनमोहक झांकियां भी प्रस्तुत की गई। भगवान श्री कृष्ण का रुक्मणि संग विवाह सम्पन्न हुआ। सभी ने भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर भगवान श्रीकृष्ण का संकीर्तन किया। कथा संयोजक मुकेश अग्रवाल ने बताया कि कथा बुधवार को अंतिम दिन दोपहर 1 से शाम 5.15 बजे तक चलेगी। । कथा में बुधवार को सुदामा चरित्र, उद्धव गीता, परीक्षित मुक्ति, महाआरती होगी।
कथा में आए अतिथियों ने की आरती, भगवान को लगाया छप्पन भोग
कथा में अतिथि के रूप में नीलकंठ महादेव मांडल के संत दीपक पुरी, पेच के बालाजी मंदिर के महंत आशुतोष शर्मा आदि ने आरती की। अतिथियों का वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश प्रहलाद का महिला मंडल की ऋतु नागोरी, अनु नाथानी, रंजना अग्रवाल, मनीषा अग्रवाल, किरण सरावगी, सरोज प्रहलादका, युवा मंच के गोपाल अग्रवाल, प्रखर बाग़ड़ोदिया, महेश अग्रवालआदि ने स्वागत किया। अग्रवाल युवा मंडल एवं महिला मंडल के मुख्य सहयोगियों का महाराज श्री ने सम्मान किया। कथा के दौरान भगवान को छप्पन भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया।