बिना भामाशाहों के सहयोग से सामूहिक कार्य संभव नहीं: माली

बिना भामाशाहों के सहयोग से सामूहिक कार्य संभव नहीं: माली
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भीलवाड़ा। माली समाज विकास सेवा संस्थान पुर के तत्वावधान में आयोजित हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन की विवाह समिति की बैठक पुर स्थित घाटी के हनुमानजी परिसर में आयोजित की गई। इस अवसर पर सम्मेलन के प्रमुख भामाशाह एवं माली (सैनी) महासभा के प्रदेश महामंत्री गोपाल लाल माली ने संबोधित करते हुए कहा कि सामूहिक विवाहों का आयोजन एक अच्छी परम्परा है। इससे विवाह योग्य युवाओं को अपने जीवन साथी चुनने के साथ दहेज प्रथा, फिजूल खर्ची और दिखावे पर अंकुश लगता है। साथ ही सम्मेलन में सहयोग करने वाले भामाशाहों की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी कार्य को अंजाम तक बिना भामाशाहों के नहीं पहुंचाया जा सकता।

बैठक की अध्यक्षता माली समाज विकास सेवा संस्थान पुर के अध्यक्ष भैरूलाल माली ने की। बैठक 1 मार्च को आयोजित हुए तृतीय सामूहिक विवाह सम्मेलन के मंथन के लिए रखी गई थी। इस बैठक में सामूहिक विवाह सम्मेलन समिति के कोषाध्यक्ष रमेश गोयल ने सम्मेलन का आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। जिसको सभी समिति के सदस्यों ने ध्वनी मत से पास किया। सामूहिक विवाह समिति द्वारा सम्मेलन में सहयोग करने वाले सभी भामाशाहोें सहित सम्मेलन में भाग लेने वाले वर-वधुओं का भी सम्मान कर उन्हें सहयोग के लिए धन्यवाद दिया गया व सभी जोड़ों को समान रूप से हथलेवा राशि दस-इस हजार रूपये के चेक सौंपे गये। तत्पश्चात् गणेश जी को भोग लगाकर गणेश विदाई समारोह आयोजित किया गया।

इस अवसर पर माली (सैनी) कर्मचारी संस्था के जिलाध्यक्ष तोताराम सांखला, सचिव कन्हैयालाल बुलिवाल, विवाह समिति के सचिव शंकरलाल गोयल, माली महासभा के जिलामंत्री सत्यनारायण डाबला, जिला मंत्री मुरलीधर सैनी, रामेश्वरलाल, नानूराम गोयल, रामस्वरूप, कैलाश चन्द्र, बंशीलाल, कालूराम, प्रभुलाल, लाल चंद, देबीलाल, भवानीराम, कैलाश चन्द्र, नारायण लाल, राजकुमार माली, लाल चंद, कैलाश सहित समाज के सैकड़ों महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे।

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