एवीवीएनएल के कार्यों में अव्यवस्था से ठेकेदार परेशान, कार्यादेश रोकने पर नाराजगी तेज

भीलवाड़ा। अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एवीवीएनएल) के भीलवाड़ा जिले में कार्य कर रहे 100 से अधिक सीएलआरसी पंजीकृत ठेकेदारों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय में पिछले एक माह से कार्यादेश निर्गमन ठप होने, रोस्टर निर्धारण लंबित रखने और मेंटेनेंस कार्यों में अव्यवस्था को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। ठेकेदारों ने प्रबंध निदेशक, एवीवीएनएल अजमेर को प्रेषित ज्ञापन में आरोप लगाया कि कार्यादेश जारी न होने से फील्ड में काम अवैध रूप से बिना लिखित अनुमति के कराया जा रहा है, जिससे दुर्घटना की स्थिति में विभाग उत्तरदायी होगा।
कार्यादेश और रोस्टर निर्धारण में अनियमितता
ठेकेदारों के अनुसार अधीक्षण अभियंता ओ.पी. मोहला के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से न तो पैनल मीटिंग आयोजित हुई और न ही नियमित रोस्टर जारी किया गया। जी-शेड्यूल कभी ऑनलाइन, कभी ऑफलाइन बुलाकर पुनः संशोधन हेतु लौटा दिया जाता है, जिससे कार्यादेश निर्गमन में अनावश्यक देरी बनी हुई है। पूर्व अधिकारियों के कार्यकाल में यह प्रक्रिया नियमित रूप से संचालित होती थी, जिससे कार्य प्रभावित नहीं होते थे।
मेंटेनेंस बजट न मिलने से कार्य प्रभावित
ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि पिछले दो माह से मेंटेनेंस कार्यों के लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है। सहायक अभियंता मौखिक निर्देशों पर कार्य करवा रहे हैं, जबकि बिल सिस्टम अप्रूवल और वर्क ऑर्डर लंबित पड़े हैं। कई पूर्ण कार्यों के भुगतान को वर्तमान अधिकारी यह कहकर रोक रहे हैं कि कार्य पूर्व अधिकारियों ने करवाया था, जिसे ठेकेदार अनुचित और विधिक प्रावधानों के विरुद्ध बता रहे हैं।
बिल, जॉब-अप्रूवल और भुगतान में बाधाएं
ठेकेदारों का कहना है कि जी-शेड्यूल और जॉब-अप्रूवल फाइलों में अनावश्यक आपत्तियां लगाई जा रही हैं। कई मामलों में बिल प्रस्तुत करने पर जॉब काटकर भुगतान घटा दिया जाता है, जबकि कार्य पूरी तरह संपन्न होता है। इससे कई ठेकेदार न्यायालय जाने की स्थिति में पहुँच रहे हैं।
ट्रांसफॉर्मर लोडिंग-अनलोडिंग के भाड़े को लेकर आपत्ति
ठेकेदारों ने बताया कि निर्धारित सीएलआरसी दरें बेहद कम होने के कारण पूर्व में यह कार्य टेंडर आधार पर करवाया जाता था। किंतु वर्तमान में अधीक्षण अभियंता द्वारा मौखिक रूप से 40 से 50 हजार रुपये की मनमानी सीमा तय करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका कोई आधिकारिक आधार उपलब्ध नहीं है।
डिपॉजिट वर्क ऑर्डर में अत्यधिक विलंब
डिपॉजिट श्रेणी के कार्य, जिन्हें सामान्यतः दो-तीन दिनों में स्वीकृत होना चाहिए, अब एक से दो माह में जारी किए जा रहे हैं। सहायक अभियंता तत्काल कार्य करवाने का दबाव बनाते हैं, लेकिन वर्क ऑर्डर समय पर उपलब्ध नहीं करवाया जाता, जिससे प्रशासनिक असंगतियां पैदा हो रही हैं।
ठेकेदारों की माँगें
ज्ञापन में प्रबंध निदेशक से निम्न मांगों पर तत्काल कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है—
1. सभी लंबित सीएलआरसी कार्यादेश तुरंत जारी किए जाएँ।
2. मेंटेनेंस बजट शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
3. पूर्ण कार्यों के जॉब-अप्रूवल और भुगतान बिना विलंब किए जाएँ।
4. भुगतान कटौती एवं जॉब अस्वीकृति की प्रक्रिया पारदर्शी और नियमबद्ध रूप में लागू हो।
5. ट्रांसफॉर्मर लोडिंग-अनलोडिंग की नई दरें अधिकृत नोटिफिकेशन के साथ घोषित की जाएँ।
6. डिपॉजिट वर्क ऑर्डर निर्गमन के लिए समयबद्ध ट्रैकिंग प्रणाली लागू की जाए।
ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो वे कार्यबंदी या हड़ताल करने को बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षण अभियंता कार्यालय की होगी।
