गौ भक्त प्रतिनिधि सम्मेलन संपन्न

गौ भक्त प्रतिनिधि सम्मेलन संपन्न
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भीलवाड़ा। गोवंश बचाओ संघर्ष समिति द्वारा सिखवाल भवन में गौ भक्त प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अध्यक्ष बृजराज कृष्ण उपाध्याय की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में देशभर से आए गौ भक्तों और समिति के प्रमुख सदस्यों ने गोवंश की सुरक्षा एवं संरक्षण के विषय में गंभीर विचार-विमर्श किया।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु:

1. गोवंश हमारी आस्था, संस्कृति और देश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है आदिकाल से गोवंश विश्व की अर्थव्यवस्था एवं समृद्धि का मूल आधार रहा है। हमारी सनातन परंपराओं में गोवंश में 33 कोटि देवताओं का निवास माना गया है जिसे प्रत्येक भारतवासी प्रत्येक सनातनी मानता है। यह हमारी परंपराओं में समाहित है लेकिन दुर्भाग्यवश,आज गोवंश सड़कों पर भटकने को मजबूर है, और इसका परिणाम हमारे समाज और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

2.गौवंश बचाओ संघर्ष समिति ने विगत 20 वर्षों से गोवंश को बचाने एवं उनके संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महाअभियान चला रखा है इसके तहत राजस्थान के कई जिलों में पदयात्रा व रैलियां सम्मेलन, नुक्कड़ मीटिंग आयोजित कर गोवंश को खोया सम्मान पुनः मिल सके इसके लिए प्रयास किए हैं।

नई मुहीम के तहत ये किया जाएगा

1. आम जनता को मोहल्ला गौशालाओं की स्थापना के लिए प्रेरित करना। प्रत्येक शहर और गांव में हर मोहल्ले में एक गौशाला बनाई जाए, जहां गोवंश की देखभाल और उनके लिए आवास की व्यवस्था हो।

2. प्रत्येक नागरिक अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा गोवंश के रखरखाव और सेवा के लिए समर्पित करने के लिए प्रेरित करेंगे।

3. गौवंश की महत्ता के लिए जन जागृति अभियान प्रत्येक शहर, कस्बा एवं गांव के प्रत्येक मोहल्ले में अभियान के तौर पर चलाया जाएगा जिससे हर व्यक्ति गौवंश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेगा।

4. गौवंश सड़को पर न भटके इसके लिए प्रत्येक मोहल्ले में समूह निर्माण कर समूह द्वारा गोवंश की उचित देखभाल की जा सके इसके लिए आम जनता को प्रेरित किया जाएगा ।

5. गोवंश की सेवा को '33 कोटि देवता' के रूप में प्रचारित किया जाकर गौ माता को राष्ट्रमाता मानकर उनकी सेवा करना हर नागरिक का कर्तव्य समझे इसके लिए प्रत्येक समाज के अध्यक्षों से संपर्क कर वहां चौपाल आयोजित कर उन्हें गोवंश पालन एवं उनके संरक्षण, संवर्धन के लिए प्रेरित किया जाएगा।

गोवंश बचाओ संघर्ष समिति की सरकार को सुझाव एवं मांगे :-

1. मोहल्ला गौशाला योजना :- सरकार को हर मोहल्ले में गौशालाओं की स्थापना के लिए विशेष योजनाओं को लागू करना चाहिए, जिसमें भूमि आवंटन, आर्थिक सहायता और रखरखाव के लिए सुविधा दी जाए ।

2. सब्सिडी और अनुदान :- गौशालाओं और गोवंश पालकों के लिए सरकार को सब्सिडी और अनुदान की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि गोवंश पालन को प्रोत्साहन मिले ।

3.जनजागृति अभियान :- सरकार को गांव और शहरों में गोवंश संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर जन जागृति अभियान चलाने चाहिए, जिसमें मीडिया, सोशल मीडिया और स्कूल कॉलेजो में गोवंश के महत्व को समझाया जाए ।

4. गोवंश सुरक्षा कानून:- सरकार को गोवंश की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए, जिससे कोई भी व्यक्ति गोवंश की हत्या एवं उन पर अत्याचार नहीं कर सके।

5. गोमूत्र और गोबर उत्पादों के अनेक लाभ:- सरकार को जैविक खेती, औषधीय उत्पादों और गोबर गैस जैसी परियोजनाओं के लिए विशेष योजनाएं बनानी चाहिए ताकि इनसे होने वाले आर्थिक लाभ को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके ।

6.गोवंश बचाओ विकास फंड का निर्माण किया जाए:- इस विशेष फंड से प्रत्येक गोपालक को अनुदान मिले सके इस जिससे गोवंश की उचित देखभाल सुनिश्चित होगी जिससे गोपालकों की हालत सुधार होगी।

7.गोवंश के प्रति निष्ठा का जागरण:- सरकार को गोवंश को राष्ट्र माता का दर्जा देकर उन्हें संरक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए। इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप दिया जाए ताकि हर नागरिक को इसकी जिम्मेदारी महसूस हो ।

8.गोवंश समितियों का गठन :- सरकार द्वारा शहर, कस्बा, गांव एवं मोहल्ले में गोवंश संरक्षण समितियों का गठन हो, जो गोवंश की सुरक्षा और पालन का कार्य करेगी जिससे जन भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और प्रत्येक नागरिक को गोवंश संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, चाहे वह आर्थिक हो या सेवा के रूप में ।

9.गोवंश आश्रय स्थल :- बड़े शहरों,कस्बों एवं गांवों में विशेष गोवंश आश्रय स्थल बनाए जाए, जहां घायल और गोवंश असहाय की चिकित्सा और देखभाल हो सके ।

10.गौ पालन और गौ उत्पाद प्रशिक्षण:- गोवंश पालन और संरक्षण के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए, जिससे यह एक पेशेवर और लाभकारी व्यवसाय बन सके

11. शिक्षा पाठ्यक्रम --- प्राथमिक शिक्षा में ही गोवंश संरक्षण और संवर्धन से संबंधित एक किताब को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को गोवंश की महत्वता के बारे में पता चले।

12.धार्मिक, सांस्कृतिक एवं समृद्धि के साथ गोवंश को 33 कोटि देवताओं का प्रतीक मानकर प्रत्येक जिला केंद्र पर गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए।

गोवंश के पालन एवं संवर्धन से जनता एवं सरकार जागृत होकर गौ माता से निम्न लाभ उठायेगी :-

1. सड़कों की सुरक्षा :- गोवंश के सड़कों पर न होने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात व्यवस्था सुचारू बनेगी।

2.स्वच्छता और स्वास्थ्य :- गोवंश का उचित रखरखाव होने से सड़कों पर फैली गंदगी कम होगी, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य बेहतर होंगे।

3.पोषण और आहार :- गौ माता से मिलने वाले दूध और दूध उत्पादन हर परिवार के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है इससे पोषण की गुणवत्ता में सुधार आएगा।

4.जैविक खेती को प्रोत्साहन :- गोबर और गोमूत्र से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।

5.गोवंश से आर्थिक लाभ :- मोहल्ला गौशालओ से संबंधित उत्पादों जैसे दूध, गोबर गैस और जैविक खाद्य से आर्थिक रूप में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

6.सांस्कृतिक पुनर्जागरण:- गोवंश से जुड़ी हमारी पुरानी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित किया जा सकेगा गोवंश की सेवा करना केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध परंपरा का हिस्सा है।।।

7.कार्यक्रम की सफलता के प्रभाव:- उपरोक्त सभी गोवंश संबंधी कार्यक्रम सफल हो जाए तो स्वस्थ समृद्ध संपन्न अखंड भारत राष्ट्र की स्थापना हो जाएगी तथा भारत राष्ट्र एक बीमार राष्ट्र न होकर स्वस्थ संपन्न समृद्ध राष्ट्र की स्थापना हो जाएगी।

विशेष प्रस्ताव पारित:

1. गौवंश को राष्ट्रीय सम्मान दिलाना है गौ माता राज माता है बेल राष्ट्रपितामह है इसका कानून बनाया जाना चाहिए।

2.प्रत्येक गोपालक को गोवंश के अनुपात में मासिक अनुदान मिलना चाहिए जो गौशालाओं को मिलता है ।

3.आम जनता के सहयोग से राष्ट्र, प्रदेश राजधानी व जिला हेड क्वार्टर से ब्लॉक स्तर पर गुरुकुल की तर्ज पर गोपालन,गौसंरक्षण व संवर्धन के लिए विश्वविद्यालय व महाविद्यालय बने ।

4.गोवंश के संरक्षण,संवर्धन व उचित देखभाल के लिए राज्य गौ सेवा बोर्ड, पंचायत एवं ढाणी तक बोर्ड की इकाई गठित हो इसमें नियुक्ति नि:शुल्क सभी सेवा भाव वाले व्यक्तित्व का मनोनयन हो।

5.लम्पी जैसी खतरनाक बीमारियों से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय व राज्य को आपदा कोष का गठन होना चाहिए।

उपरोक्त प्रस्तावों की सफलता एवं स्वस्थ,समृद्ध, संपन्न अखंड भारत की स्थापना के लिए ही गोपालन ही जीवन का मुख्य आधार बनाने के लिए वार्षिक गोभक्त प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें गौ माता व गोवंश के संरक्षण व संवर्धन के साथ-साथ उचित देखभाल व रक्षा के लिए जनता अपनी स्वयं की जिम्मेदारी तय करे , मोहल्ला समितियां बनाये, आय का निश्चित हिस्सा एकत्र कर मोहल्ला गौआवास बनाकर साथ ही बारी-बारी से मोहल्ले के प्रत्येक युवा गोवंश की उचित देखभाल करने के लिए प्रेरित हो इस हेतु प्रस्ताव पारित किया गया।


अतिथियों के रूप में सम्मेलन में शांतिलाल जैन, सदानंद महाराज, केसर सिंह चौधरी, भंवर सिंह सूरज, वीरेंद्र शर्मा, बाल मुकुंद, तारकेश्वर गौतम, जगदीश शर्मा, सुरेश कुमार, संघ प्रचारक पुरुषोत्तम, विश्व हिंदू परिषद के घनश्याम माननिया, सत्यनारायण श्रोत्रिय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगेश आचार्य, भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष मनीष देव पालीवाल, भेरू सिंह पारीक, महिला भाजपा नेता अनीता शर्मा, रुकमा शर्मा, पुर गौ शाला अध्य्क्ष हरिओम मारू, जिले की विभिन्न गौशालाओं से आए सैकड़ो प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किये।

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