महात्मा गांधी चिकित्सालय में मरीजों की भीड़ बढ़ी, भीलवाड़ा में मौसमी बीमारियों का प्रकोप

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भीलवाड़ा । महात्मा गांधी चिकित्सालय में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है, जो मौसमी बीमारियों के कारण हो रही है। बरसात के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव और वातावरण में नमी के कारण मौसमी बीमारियों ने पांव पसार लिए हैं, जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।

चिकित्सालय परिसर में भीड़भाड़

अस्पताल के गलियारों से लेकर वेटिंग एरिया तक मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ है। खास तौर पर जुकाम, खांसी, बुखार, पेट संबंधी शिकायतें और त्वचा संबंधी समस्याओं के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इन बीमारियों का प्रभाव अधिक देखने को मिल रहा है। डॉक्टर परामर्श कक्षों के बाहर भी लंबी लाइनें लगी हुई हैं, और पर्ची काउंटर पर भी सुबह से ही भीड़ उमड़ रही है।

चिकित्सालय प्रशासन की तैयारी

चिकित्सालय प्रशासन भी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई है और मरीजों को यथासंभव शीघ्र उपचार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

चिकित्सकों की सलाह

महात्मा गांधी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार गौड़ ने बदलते मौसम में विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इससे बचाव के लिए शुद्ध और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। बाहर का खुला पानी पीने से बचें। हल्का और सुपाच्य भोजन करें। बासी भोजन और बाहर के तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें। ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं। व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।

बचाव के उपाय

डॉ. गौड़ ने आगे कहा कि दिन में गर्मी और रात में ठंडक होने से लोग मौसम के अनुरूप कपड़े नहीं पहनते, जिससे वे बीमार पड़ जाते हैं। ऐसे में दिन और रात के तापमान को ध्यान में रखते हुए कपड़ों का चुनाव करें। सुबह और शाम को हल्के गर्म कपड़े पहनना उचित होगा। जहां तक संभव हो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, क्योंकि मौसमी बीमारियों का संक्रमण आसानी से फैल सकता है। बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें। उन्हें ठंडी हवा और धूल से बचाएं।

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