तिलहनी फसलों की खेती आर्थिक दृष्टि से उपयोगी- गुर्जर

भीलवाड़ा |कृषि विभाग के तत्वावधान में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल एवं ऑयल सीड का एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन बुधवार कों आयोजित किया गया जिसमें कृषकों को तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया।
प्रशिक्षण शिविर में कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने कहा कि तिलहनी फसलो की खेती आर्थिक दृष्टि से लाभदायक है एवं वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
केन्द्र सरकार ने तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए नेशनल मिशन फॉर एडिबल ऑयल शुरू किया है जिसका मुख्य उद्देश्य घरेलू तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन का खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाना और आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता कम करना है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के जरिए यह मिशन किसानों की आय में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है.
प्रशिक्षण शिविर में एग्री क्लिनिक के कृषि अनुसंधान अधिकारी जीतराम चौधरी ने कहा कि फसलो में कीट एवं व्याधि का प्रकोप दिखाई देने पर कृषि पर्यवेक्षक पैकेज एवं प्रेक्टिस के अनुसार दी गई सिफारिश के अनुसार कृषकों को सलाह देवे एवं यदि क्षेत्र में आर्थिक क्षति स्तर से अधिक होने पर रेपिड रोविग सर्वे करवाया जायेगा, एवं एग्री क्लिनिक जिला स्तर पर संचालित है, कृषि सम्बन्धित जानकारी कृषक प्राप्त कर सकते है सहायक कृषि अधिकारी विनोद माणम्या ने कहा कि कृषक डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट व 1 बैग यूरिया का काम में लेवे जिससे तिलहनी फसलों में सल्फर की अतिरिक्त मात्रा प्राप्त होगी, फसल की बुवाई सें पूर्व बीजोपचार अवश्य करे इसके लिए राज्य सरकार की और से ग्राम पंचायत स्तर पर निःशुल्क बीजोपचार कर सकते है, नवीन तकनीकी में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग करें, सहायक कृषि अधिकारी कालूराम जाट, मंजू पूर्बिया, चिंरजी लाल कुमावत, शिवम गुर्जर, प्रिया पालीवाल, रामानन्द शर्मा, आरती तेली,' देवेन्द्र गौड़,सहित अनेक प्रगतिशील कृषक मौजूद थे
