भक्ति के साथ 'संस्कृति सप्ताह' का शंखनाद, राजेंद्र मार्ग स्कूल में विद्यार्थियों को दी नशा मुक्ति की सीख
भीलवाड़ा । भारत विकास परिषद की स्वामी विवेकानंद शाखा द्वारा 'संस्कृति सप्ताह' के अंतर्गत सेवा और संस्कार के कार्यक्रमों का भव्य आगाज़ किया गया है। अपनी गौरवशाली विरासत और संस्कारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के ध्येय से शुरू हुए इस सप्ताह का शुभारंभ धार्मिक उल्लास के साथ रामधाम में हुआ।
सुंदरकांड की चौपाइयों से महका रामधाम
संस्कृति सप्ताह के पहले दिन रामधाम में सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड की चौपाइयों का गायन कर हनुमान जी की आराधना की। पाठ के समापन पर सामूहिक हनुमान चालीसा का वाचन किया गया, जिससे समूचा परिसर भक्तिमय हो गया। परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि संस्कृति सप्ताह का उद्देश्य समाज में नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक चेतना का संचार करना है।
'सांसों की कीमत' फिल्म ने विद्यार्थियों को झकझोरा
सप्ताह के दूसरे चरण में बुधवार को परिषद की ओर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजेंद्र मार्ग में नशा मुक्ति अभियान चलाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक फिल्म 'सांसों की कीमत' का प्रदर्शन किया गया।
शाखा अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने फिल्म के मर्म को समझाते हुए विद्यार्थियों को बताया कि ईश्वर की दी हुई यह अनमोल श्वासें नशे के जहर से बर्बाद करने के लिए नहीं हैं। उन्होंने युवाओं को आगाह किया कि नशा केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और उसकी खुशियों को खत्म कर देता है। उन्होंने आह्वान किया कि युवा अपनी ऊर्जा को व्यसनों के बजाय स्वस्थ जीवन और उज्जवल भविष्य के निर्माण में लगाएं।
प्रधानाचार्य ने परिषद के सेवा कार्यों को सराहा
राजेंद्र मार्ग स्कूल के प्रधानाचार्य राजेंद्र गहलोत ने भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में विद्यार्थियों को नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से बचाना सबसे बड़ी सेवा है। गहलोत ने परिषद के सेवा कार्यों को समाज के लिए अनुकरणीय बताया। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ और परिषद के कई सदस्य मौजूद रहे, जिन्होंने युवाओं को नशा मुक्त रहने की शपथ दिलाई।

