घुमंतू समाज के युवकों की गिरफ्तारी पर निष्पक्ष जांच की मांग
भीलवाड़ा (पुनीत जैन)। जन अधिकार समिति अजमेर संभाग की ओर से 19 दिसंबर 2025 को जिला पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को एक ज्ञापन सौंपकर घुमंतू समाज के दो युवकों के साथ हुई कथित अन्यायपूर्ण कार्रवाई पर निष्पक्ष कानूनी जांच की मांग की गई है।
ज्ञापन में बताया गया कि घुमंतू समाज सदियों से व्यापार, गांवों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, भविष्यवाणी, वादन क्रियाएं, खेलकूद तथा अनाथ आश्रम संचालन जैसे कार्यों से अपना जीवन यापन करता आ रहा है। इसी परंपरा के तहत घुमंतू समाज जनजाति के दो युवक मांडल विधानसभा क्षेत्र के सीडियास गांव में घर-घर जाकर चंदा एकत्रित कर रहे थे।
इस दौरान एक युवक के साथ गांव के कुछ लोगों द्वारा मारपीट की गई, जबकि दूसरा युवक सोकिन नाथ मौके से भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहा। पीड़ित युवक ने स्वयं पुलिस को सूचना देकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई। आरोप है कि पुलिस ने युवकों को बताई गई जगह से जीप में बैठाकर थाने लाया, लेकिन न तो उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया और न ही उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि दबाव में आकर पुलिस द्वारा युवकों को झूठे मुकदमे में गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया गया, जो न्यायसंगत नहीं है। समिति ने कहा कि सौ दोषियों को सजा हो जाए, लेकिन एक निर्दोष को फंसाया जाना न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
जन अधिकार समिति ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा जांच मांडल प्रशासन के बजाय भीलवाड़ा शहर स्तर पर किसी निष्पक्ष अधिकारी से कराई जाए। समिति का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई गरीब और वंचित वर्ग के लोगों के भविष्य को अंधकारमय बना देती है और उन्हें गलत रास्ते पर जाने के लिए मजबूर करती है।
समिति ने जिला पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले में निष्पक्ष और न्यायसंगत जांच कराकर पीड़ित युवकों को न्याय दिलाने की अपील की है।
