प्रतिबंध के बावजूद बाजार में सिंगल यूज़ प्लास्टिक की उपलब्धता चिंता का विषय

भीलवाड़ा। पर्यावरण संरक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही हैं, इसके बावजूद प्रदेश में प्रतिबंधित सिंगल यूज़ प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग और उपलब्धता चिंता बढ़ा रही है। मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट, फ़ॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज द्वारा 12 अगस्त 2021 को जारी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट अमेंडमेंट रूल्स, 2021 के अनुसार 1 जुलाई 2022 से देशभर में कई चिन्हित प्लास्टिक उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जा चुका है।
राजस्थान में लंबे समय से लागू है प्लास्टिक पर रोक
राजस्थान सरकार ने 1 अगस्त 2010 से ही प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध लागू कर दिया था। प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष टास्क फ़ोर्स बनाई गई है, जो मिशन मोड में कार्रवाई कर रही है। इसके बावजूद बाजारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं की उपलब्धता अभियान को चुनौती देती दिखाई दे रही है।
इनाम योजनाओं के बावजूद नहीं मिल रही सूचनाएं
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दो इनाम योजनाएं लागू कर चुका है। प्रतिबंधित प्लास्टिक आइटम की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की सूचना देने पर 15 हजार रुपए का इनाम तथा बिक्री, परिवहन या भंडारण की जानकारी देने पर 10 हजार रुपए का इनाम तय है। यह राशि प्रति क्विंटल एक हजार रुपए के हिसाब से दी जानी है। इसके बावजूद विभाग को अब तक कोई महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त नहीं हुई, जिससे शहर में लाखों टन प्लास्टिक कैरी बैग की एंट्री जारी है।
सप्लाई चेन पर होगी कड़ी कार्रवाई
आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि राज्य स्तर पर जारी निर्देशों के अनुसार अब प्रतिबंधित प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सप्लाई चेन पर सीधे एक्शन होंगे। डिस्ट्रीब्यूटर्स, थोक विक्रेताओं और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर संयुक्त कार्रवाई की योजना है।
बड़े उपभोक्ताओं को किया जाएगा जागरूक
होटल, हॉस्पिटल, इंडस्ट्रीज़ और अन्य बल्क वेस्ट जेनरेटरों की सेंसिटाइजेशन मीटिंग आयोजित की जाएगी। साथ ही संबंधित विभागों और एजेंसियों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। बोर्ड ने सभी जिला कलक्टरों को पत्र लिखकर अभियान को सख़्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
