रोक के बावजूद बीगोद में दौड़ रही हैं बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्रोलियां
भीलवाड़ा। जिले में मानसून के दौरान बजरी खनन पर 1 जुलाई से 2 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी अवैध बजरी खनन की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बीगोद कस्बे में बीच बाजार में ट्रैक्टर ट्रोलियां बजरी से भरी हुई तेज़ रफ्तार में दौड़ते हुए देखी गईं। यह घटनाएं न केवल सरकारी आदेशों की अवहेलना का प्रतीक हैं, बल्कि यह स्कूली बच्चों सहित आम जनता के लिए गंभीर खतरा भी बन रही हैं।
जानकारी के अनुसार, बीगोद कस्बे के गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल के पास आज सुबह एक ट्रैक्टर ट्रोली को तेजी से गुजरते हुए देखा गया। ट्रैक्टर पर बजरी का भारी लदान था, और उसकी गति इतनी अधिक थी कि यह आसपास से गुजर रहे स्कूली बच्चों के लिए हादसे का कारण बन सकता था। इस दौरान ट्रैक्टर की गति इतनी तेज़ थी कि वह बाजार के अन्य वाहनों और पैदल चलने वालों के बीच से गुजरते हुए कोई भी बड़ा हादसा कर सकता था।
राज्य सरकार ने मानसून के मौसम में नदियों से बजरी निकालने पर पूरी तरह से रोक लगाई थी, जिससे जलस्तर में बढ़ोतरी और तेज़ बहाव के कारण अवैध खनन की गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके। बावजूद इसके, अवैध खनन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बीगोद कस्बे के इस घटना में ट्रैक्टर ट्रोलियों का बड़े पैमाने पर बजरी से भरा जाना और उसे खुलेआम बाजारों में दौड़ाना, शासन की सख्त नीतियों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने जैसा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि, "यह रोक तो सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है। बाज़ार के बीच से ट्रैक्टर का निकलना बहुत खतरनाक है, खासकर जब स्कूल के समय में बच्चे सड़कों पर होते हैं। ऐसे में हम तो यही कह सकते हैं कि प्रशासन को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए।"