भगवान की कृपा का साक्षात अवतार होता है भक्त भाकलिया गांव में चल रही नानी बाई की कथा

आकोला (रमेश चंद्र डाड ) भगवान की कृपा का साक्षात अवतार होता है भक्त भाकलिया गांव में चल रही नानी बाई की कथा मायरा के प्रसंग में पंडित दुर्गेश चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान की कृपा ही भक्ति के रूप में अवतार लेकर संसार को भक्ति का मार्ग बता सकती है जैसे माता मीरा कबीर रविदास भक्ति मति कर्मा और मेहता नरसी यह सब भगवान की भक्ति के साक्षात स्वरूप है जब राजा ने मेहता नरसी की परीक्षा की तो भगवान ने अपने गले का हार नरसी जी को प्रदान कर दिया टूटी सी गाड़ी लेकर मायर भरने के लिए निकले तो भगवान कृष्ण खाती बनकर पधारे और गाड़ी को सुधार दी
नरसी की निर्धनता के कारण उनको टूटे झोपड़ी में ठहराया गया कोई व्यवस्था नहीं दी जगत में पैसे का सम्मान हर कोई करता है मानवता का सम्मान कहीं-कहीं दिखने लगा है अपनी बेटी से मिलकर नरसी जी बड़े प्रसन्न हुए लेकिन माया के लोभी नानी बाई के ससुराल पक्ष के लोग सास ननंद देवरानी जेठानी देवर जेठ सभी नरसी का उपहास करते हुए नानी बाई से झगड़ने लगे नरसी जी को बासी भोजन करवाया परंतु भगवत कृपा के कारण वह बासी भोजन ताज पकवान बन जाता है
नरसी जी की करुण पुकार सुनकर द्वारकाधीश योग निद्रा से जागे और राधा रुक्मण को साथ लेकर मेरा भरने के लिए नगर अंजार पधारे कलश बनवाया गया भाकलिया निवासी अभय सिंह जी सेवानिवृत्ति के उपलक्ष में यह कथा का आयोजन रखा गया कथा रावला चौक में तीन दिवसीय आयोजन रखा गया है नगर के मंदिर से बैंड बाजा सहित भगवान का विमान एवं कलश यात्रा बड़ी धूमधाम से निकाल कर कथा पंडाल तक लाया गया
कथा के दौरान अक्षत चतुर्वेदी ने गणपति वंदना से कथा का शुभारंभ करवाया कथा के बीच-बीच में भजन मीठी-मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे देखो जी नरसी को महतो मायरो ले जावे रे आदि भजनों पर पंडाल में उपस्थित महिला पुरुष भाव विभोर होकर नाचने लगे आसपास के गांव से ब्राह्मणों की जितिया अडसीपुरा अंकोला गेंदलिया जीवा का खेड़ा आदि गांव से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं ।