डिजिटल न्याय से उपभोक्ताओं को त्वरित निस्तारण पर जोर

डिजिटल न्याय से उपभोक्ताओं को त्वरित निस्तारण पर जोर
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भीलवाड़ा (मूलचन्द पेसवानी)। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर कलक्टर सभागार में जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की थीम “डिजिटल न्याय के माध्यम से प्रभावी एवं त्वरित निस्तारण” रखी गई। बैठक की अध्यक्षता अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा की गई। इसमें उपभोक्ता संगठनों, विधि विशेषज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों सहित विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक में विभाग की ओर से प्रवर्तन निरीक्षक ब्रिजेश सेठी व मीनाक्षी मीणा, उम्मेदसिंह राठौड़ अध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ भीलवाड़ा, प्रहलाद राय व्यास सचिव उपभोक्ता अधिकार समिति राजस्थान, राजेन्द्र कुमार कचैलिया संरक्षक उपभोक्ता कल्याण समिति राजस्थान, मंजू पोखरना महिला संरक्षक, आशा रामावत, अशोक जैन प्रदेश संगठन मंत्री, अरविन्द कुमार पोखरना जिलाध्यक्ष उपभोक्ता अधिकार संगठन भीलवाड़ा, अशोक सोडानी, सुनील राठी अध्यक्ष उपभोक्ता अधिकार समिति भीलवाड़ा, राजेश पाटनी जिलाध्यक्ष उपभोक्ता कल्याण समिति भीलवाड़ा सहित विभिन्न उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि, ऑयल कंपनियों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद, समाजसेवी, पत्रकार, चिकित्सक, किसान, लेखक एवं कलाकार उपस्थित रहे।

जिला रसद अधिकारी अमरेंद्र मिश्रा ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की जानकारी देते हुए बताया गया कि 24 दिसंबर 1986 को भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया था, इसी उपलक्ष्य में हर वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। डिजिटल माध्यमों से उपभोक्ता परिवादों के शीघ्र निस्तारण पर विशेष जोर दिया गया।

प्रहलाद राय व्यास ने नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए ऑनलाइन शिकायत प्रणाली, ई-मेल के माध्यम से परिवाद दर्ज कराने, घर बैठे केस फाइलिंग, उपभोक्ता सुलह केंद्रों के सशक्तिकरण तथा पब्लिक शिकायत सेल की आवश्यकता बताई।

अरविन्द कुमार पोखरना ने एक्सपायरी डेट की दवाइयों व खाद्य पदार्थों की बिक्री पर सख्त रोक लगाने तथा खाद्य गुणवत्ता जांच को प्रभावी बनाने की मांग की। राजेन्द्र कुमार कचैलिया ने उपभोक्ताओं को निःशुल्क कानूनी परामर्श उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया। राजेश पाटनी ने खाद्य सामग्री की निरंतर सैंपलिंग कर उपभोक्ताओं को सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने पर जोर दिया।

आशा रामावत ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और पुरुषों के लिए डिजिटल न्याय पर जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने की आवश्यकता बताई। मंजू पोखरना ने ई-चैपाल आयोजन और नकली मावा सहित खाद्य पदार्थों की जांच का सुझाव दिया। अशोक जैन ने डिजिटल जागरूकता कार्यक्रमों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने पर बल दिया। प्रशांत शाह ने उपभोक्ता कल्याण के लिए मोबाइल ऐप विकसित करने का सुझाव रखा।

उम्मेदसिंह राठौड़ ने सभी उचित मूल्य दुकानों पर उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर के स्टीकर लगाने की बात कही। बैठक में उपभोक्ता संगठनों ने उपभोक्ता से जुड़े सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय की मांग की।

इस अवसर पर जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद की बैठक भी आयोजित कर प्राप्त उपभोक्ता परिवादों का निस्तारण किया गया। अंत में अध्यक्ष मिश्रा द्वारा सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए डिजिटल न्याय के माध्यम से उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए ठोस कार्यवाही का भरोसा दिलाया गया।

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