राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जीवलिया का जर्जर भवन, छत से टपकता पानी, हादसे का डर, बागोर में भी यही हाल

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भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिले के पंचायत समिति आसींद के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जीवलिया का विद्यालय भवन जर्जर हालत में है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को जान का खतरा बना रहता है। स्कूल भवन इतना खस्ताहाल है कि बरसात में पूरी बिल्डिंग और बरामदे में पानी टपकता है। पंखे व बिजली के बोर्ड गीले होने से खराब हो जाते हैं और हर समय करंट लगने का भय बना रहता है। प्लास्टर पूरी तरह से उखड़ चुका है।

आंगनबाड़ी भी इसी स्कूल में संचालित है और उसकी भी यही हालत है। नौ कैमरे और उनके सामने बरामदा है, लेकिन स्कूल की हालत काफी खराब है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने इस संबंध में दो साल पहले ही 10 जुलाई 2023 को सीबीईओ आसींद को अवगत करा दिया था, लेकिन अब तक कोई सुध नहीं ली गई है। ग्रामीण महेंद्र जाट, नारायण जाट, महावीर जाट व बालकिशन वैष्णव ने बताया कि जर्जर अवस्था में भवन होने से बरसात में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस मामले में संज्ञान लेने और स्कूल भवन की मरम्मत कराने की मांग की है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और विद्यार्थियों की शिक्षा सुचारू रूप से चल सके ।

इसी तरह बागोर में भी स्कूल भवन से बरसात का पानी टपक रहा है ज‍िससे बच्चों को छुट्टी देकर घर भेजा। ग्रामीण तीन साल से प्रशासन से मरम्मत की मांग कर रहे पर कोई सुनवाई नहीं हुई। स्कूल भवन में दरारे आ रही ज‍िससे कभी भी अनहोनी की आशंका बनी रहती।

समाजसेवी नाथुलाल गुर्जर ने बताया क‍ि जोरारपुरा पंचायत के रूपपुरा कस्बे की सरकारी स्कूल भवन जर्जर अवस्था में है। बरसात का पानी छत से टपकता है। दीवारों में बडी बडी दरारें आ रही है। परिसर में घुटनों तक पानी भरा रहता है। अनहोनी के डर से बरसात के दिनो में बच्चों को छुट्टी देकर घर भेज दिया जाता।

प्रि‍ंस‍िपल सत्यनारायण ने बताया कि‍ 165 बच्चों का नामांकन है। हमने नोडल को पूर्व मे जानकारी दे दी है। फ‍िर भी हालत जस की तस है।

मंगरोप से राघव सोमानी के अनुसार मंगरोप बालिका स्कूल अभी पूरी तरह से जर्जर अव्सथा में है। कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। लेकिन न ही तो स्थानीय व न ही जिला स्तरीय प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है जगह जगह से पानी टपक रहा है । हल्की सी बारिश में भी पूरी स्कूल से पानी टपकता रहता है। इन स्कूलों में छोटे छोटे बच्चों से लेकर 12वीं कक्षा तक बच्चे पढाई करते है।

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