शिवनगर में गंदगी, जलजमाव और टूटी सड़कें बनी आफत, प्रशासन बेखबर
भीलवाड़ा (सम्पत माली)। शहर के वार्ड नंबर 17 स्थित पुलिस लाइन के पीछे बसे शिवनगर इलाके की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। यहां की सड़कें टूट चुकी हैं, नालियों के ढक्कन गायब हैं और गंदगी इस कदर फैली हुई है कि लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बनी हुई है और खाली पड़े प्लॉटों में भरा गंदा पानी मच्छरों के पनपने का कारण बन रहा है। इससे डेंगू, मलेरिया जैसे बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार पार्षद और नगर परिषद से शिकायत की है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इलाके में सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा। नियमित कचरा उठाव नहीं हो रहा और न ही नालियों की सफाई की जा रही है। परिणामस्वरूप बदबू और गंदगी से वातावरण प्रदूषित हो गया है। लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
स्थानीय निवासी सुवालाल प्रजापत ने बताया कि शिवनगर की गलियों में बच्चों का निकलना मुश्किल हो गया है। बरसात में तो हालत और भी भयावह हो जाती है क्योंकि कीचड़ और गंदे पानी से सड़कें लबालब भर जाती हैं। कई बार वाहन फिसलने से लोग चोटिल हो चुके हैं। इलाके में नालियां ओवरफ्लो हो रही हैं जिससे सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है। यह न केवल बदबू फैलाता है बल्कि संक्रमण का भी खतरा पैदा करता है।
शिवनगर में रहने वाली गृहिणी बताती हैं कि गली के मोड़ पर एक बड़ा गड्ढा हो गया है, जिसमें बारिश का पानी भर जाता है। कई बार दोपहिया वाहन उसमें गिर चुके हैं। लेकिन नगर परिषद इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। लोगों को अपने स्तर पर ही गड्ढे में मलबा डालकर उसे भरना पड़ा है।
इलाके के युवा भी इस स्थिति को लेकर काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि पार्षद चुनाव के समय वादे तो करते हैं लेकिन बाद में इलाके की सुध नहीं लेते।
जनता की यह मांग है कि जल्द से जल्द नालियों की सफाई करवाई जाए, उनके ढक्कन लगाए जाएं, सड़कों की मरम्मत हो और नियमित रूप से कचरा उठाव की व्यवस्था की जाए। साथ ही खाली प्लॉटों में भरे पानी को निकाला जाए ताकि मच्छरों का प्रकोप कम हो सके। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो लोगों में आक्रोश बढ़ेगा और विरोध प्रदर्शन की नौबत आ सकती है।
