Contingency Plan: जिला कलक्टर नमित मेहता ने कन्टिजेंसी प्लान तैयार करने के दिए निर्देश

जिला कलक्टर नमित मेहता ने कन्टिजेंसी प्लान तैयार करने के दिए निर्देश
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भीलवाड़ा । जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि मानसून के दौरान बाढ़ की सम्भावना की स्थिति में उससे बचाव तथा आपदा प्रबन्धन की समस्त तैयारियां समय पर पूर्ण कर ली जाए। यह बात जिला कलक्टर नमित मेहता ने दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन से पूर्व बचाव एवं प्रारम्भिक तैयारियों की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान कही।

मेहता ने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को जिले के समस्त बांधों के गेटों की ग्रीसिंग समय पर कर लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जल निकास की समस्त बाधाएं समय रहते हुए दूर करें। बांधों का कचरा साफ करावें। पंचायती राज विभाग के अधीन बांधों की सफाई भी सुनिश्चित की जाए। समस्त बांधों के सुरक्षित होने की जांच करें। आवश्यकतानुसार मरम्मत करावें। बाढ़ कन्टेजेन्सी प्लान तैयार किया जाए। मोकड्रिल जैसी कार्यकुशलता वास्तविक स्थिति में भी दृष्टीगोचर होनी चाहिए। इसके लिए प्रत्येक संसाधन एवं सामग्री की उपलब्धता का चार्ट बनाया जाए। इसमें सम्बन्धित व्यक्ति से सीधे सम्पर्क करने में आसानी रहेगी। आपातकालीन परिस्थितियों के लिए सुरक्षित भवनों का चिन्हीकरण करें। जिला कलक्टर ने जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवम् कंट्रोल रूम (टेलीफोन 01482-232671) के सुचारू संचालन संबंधी दिशा-निर्देश दिए।

जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि आपदा से बचाव के लिए उपकरणों की किसी प्रकार से कोई कमी नहीं रहे। अधिकारी अपने स्तर पर जोन की बैठक करें तथा एईएन, जेईएन से फील्ड की रिपोर्ट लेवें। जिला कलक्टर ने नगर निकाय के अधिकारी को निर्देशित किया कि चैंबर तथा मेनहोल बंद हो। जिला कलक्टर ने स्ट्रांग वाटर ड्रेन मैनेजमेंट के लिए कॉन्ट्रेक्ट करने के लिए निर्देशित किया। विद्युत विभाग के अधिकारी को बाढ़ एवं अतिवृष्टि के समय अतिरिक्त डिजी सेट व्यवस्था के लिए निर्देशित किया। साथ ही ड्राईव चलाकर करंट से बचाव के लिए चेतावनी बोर्ड लगवाने के लिए निर्देशित किया गया। जिला कलक्टर ने सभी विभागों को अपने स्तर पर समस्त व्यवस्थाओं को रिव्यू करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि आपातकालीन परिस्थिति में प्रारम्भिक घंटे गोल्डन ऑवर्स होते है, इस समय तक अधिकतम बचाव कार्य आरम्भ हो जाना चाहिए। इसके लिए रेस्पोन्स समय कम करने का प्रयास किया जाए। उपखण्ड स्तर पर भी मानवीय एवं भौतिक संसाधनों को प्रबंधित रखें। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समस्त एम्बूलेन्सों के उपकरणों एवं संसाधनों की जांच की जाएं। समस्त आवश्यक दवाएं उपलब्ध रहे। जल भराव के क्षेत्रों से सम्बन्धित स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपचार की समुचित पुख्ता व्यवस्था करें।

उन्होंने कहा कि विद्युत तंत्र के सुदृढ़ करने के साथ ही क्षेत्र के समस्त ट्रांसफॉमर्स की प्री-मेन्टेनेन्स करें। मरम्मत के दौरान ऑयल भी भरा जाए। पशुओं के बचाव के लिए पशुपालन विभाग पूरी तैयारी रखें। जिला कलक्टर ने नगर विकास न्यास तथा नगर निकाय के अधिकारियों को आवश्यक मात्रा में जल निकासी हेतु मडपम्प के लिए टेण्डर करने के लिए निर्देशित किया।

अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन रतन कुमार ने विभागवार अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर वंदना खोरवाल, नगर विकास न्यास सचिव ललित गोयल, उपखण्ड अधिकारी एएन सोमनाथ, सीईओ जिला परिषद शिवपाल जाट, सीएमएचओ डॉ सीपी गोस्वामी, एसई पीडब्ल्यूडी पी.आर. मीणा, एक्सईएन नरेन्द्र चौधरी सहित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, नगर परिषद, विद्युत विभाग, पुलिस विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग आदि के अधिकारी मौजूद रहे।

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