न हो परेशान! करवा चौथ पर चांद न दिखे तो भी खोल सकते हैं व्रत — जानें आसान विधि

न हो परेशान! करवा चौथ पर चांद न दिखे तो भी खोल सकते हैं व्रत — जानें आसान विधि
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करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार व्रत शुक्रवार, **10 अक्टूबर** को रखा जा रहा है। यह व्रत पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता है कि पूरे श्रद्धा-भाव से करवा चौथ का व्रत करने से **हर मनोकामना पूर्ण होती है**।

### ऐसे होती है पूजा की शुरुआत

सुबह सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई **सरगी की थाली** खाकर व्रत की शुरुआत होती है। इसके बाद महिलाएं दिनभर **निर्जला उपवास** रखती हैं। संध्या काल में स्नान कर नवीन वस्त्र धारण कर **करवा माता और भगवान गणेश** की पूजा की जाती है। कथा पाठ और पूजा के बाद चंद्रोदय होने पर छलनी से चंद्र देव के दर्शन कर पति को देखकर व्रत खोला जाता है।

### लेकिन अगर चांद न दिखे तो क्या करें?

अक्सर मौसम खराब होने के कारण **चंद्रमा के दर्शन संभव नहीं हो पाते**, ऐसे में व्रती महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है। शास्त्रों में इसका उपाय बताया गया है।

👉 **चांद न दिखने पर व्रत खोलने की विधि:**

* चंद्रोदय के निर्धारित समय पर **आकाश की दिशा ज्ञात कर भक्ति भाव से चंद्र देव को अर्घ्य दें**।

* भगवान **शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्र देव** के दर्शन कर भी व्रत पूर्ण किया जा सकता है।

* अगर घर में भगवान शिव की प्रतिमा नहीं है तो छत या आंगन में एक चौकी पर **चावल या आटे से चंद्रमा की आकृति** बनाएं।

* विधि-विधान से चंद्र देव की पूजा करें और छलनी से उसी दिशा में दर्शन करें।

* इसके बाद छलनी से पति को देखकर व्रत खोलें।

👉 इस विधि से व्रत खोलने पर **पूजा का फल पूर्ण मिलता है**, और मान्यता है कि करवा माता हर मनोकामना पूरी करती हैं।

**महत्वपूर्ण:** करवा चौथ का व्रत सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि पति-पत्नी के पवित्र बंधन और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का पर्व भी है।

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