खारी बांध की नहर की सफाई न होने से 300 बीघा फसल बर्बाद, किसानों का विरोध प्रदर्शन

खारी बांध की नहर की सफाई न होने से 300 बीघा फसल बर्बाद, किसानों का विरोध प्रदर्शन
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भीलवाड़ा । जिले के आसींद क्षेत्र में खारी बांध से निकलने वाली छोटी नहर की वर्षों से सफाई नहीं होने के कारण किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें नष्ट हो गईं। नहर का पानी खेतों में भर जाने से आक्रोशित किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 6 किलोमीटर लंबी इस नहर की पिछले 30 वर्षों से सफाई नहीं की गई, जिसके चलते इसमें सिल्ट और गंदगी जमा होकर पानी का बहाव अवरुद्ध हो गया था। दो दिन पहले बिना किसी पूर्व सूचना के नहर खोल दिए जाने पर पानी सीधे खेतों में फैल गया।

इस दुर्घटना से आसींद क्षेत्र के वार्ड 1 और 2, अर्जुनपुरा, भेरूखेड़ा, अर्जुनपुरा की झोपड़ियां, आमलीखेड़ा सहित आसपास के गांवों में लगभग 300 बीघा भूमि पर खड़ी फसलें नष्ट हो गईं। किसानों ने बताया कि उन्होंने गेहूं, मेथी और रजका जैसी फसलें बोई थीं, जिन पर काफी खर्च आया था, लेकिन अब सारी मेहनत पानी में बह गई।

मांगू लाल गुर्जर, कजू लाल, मेवा लाल, गिरधारी लाल, भेरू लाल, संवार लाल, प्यार जी, उगमा, मांगी लाल, प्रभु लाल, समता, श्रवण, छोगा, हरदेव, पूर्व पार्षद लादूराम, पोखर और कैलाश छीपा सहित अनेक किसानों ने सिंचाई विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद विभाग ने नहर की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया और अधिकारी किसानों के फोन तक नहीं उठाते।

किसान सांवर लाल गुर्जर का कहना है कि सिंचाई विभाग हर साल मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए का बजट जारी करता है, लेकिन नहर की सफाई का कार्य नहीं किया जाता। लंबे समय से जमा सिल्ट और अवरुद्ध बहाव ही इस बड़े नुकसान का कारण बना।

ग्रामीणों, किसानों और महिलाओं ने एकजुट होकर प्रशासन से तत्काल नहर की सफाई करवाने की मांग की है। साथ ही फसल नुकसान का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की अपील की है।

इस मामले में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता दिनेश वर्मा ने बताया कि छोटी नहर की सफाई कराई गई है और अब आगे से नहर में पानी का बहाव भी कम कर दिया गया है।

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