भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी दिनों में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का होगा विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम

भीलवाड़ा, । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी समय में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित है। पुनरीक्षण कार्यक्रम अन्तर्गत बीएलओ के माध्यम से समस्त मतदाताओं से गणना प्रपत्र संकलित किये जाकर मतदाता सुचियों का प्रारूप प्रकाशन एवं अंतिम प्रकाशन किया जायेगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी जसमीत सिंह संधू ने बताया कि आगामी प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के दृष्टिगत गणना प्रपत्र के साथ मतदाताओं से आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेज भी प्राप्त किए जायेगे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचक रजिस्टीकरण पदाधिकारियों को निम्न कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देषित किया है।

जिन बूथ पर भारत निर्वाचन आयोग के नवीन दिशा निर्देशों के क्रम में नवीन बूथ लेवल अधिकारी नियोजित किए गए हैं उन बूथों पर अनिवार्य रूप से पूर्व नियोजित बूथ लेवल अधिकारी को अनुभव का लाभ एवं सुगम कार्य संचालन किए जाने के लिए जोड़ा जाये।

जिन मतदान केंद्रों के पुनर्गठन के उपरांत नवीन मतदान केंद्र बनना प्रस्तावित है और जिन मतदान केंद्रों में पुनर्गठन से मतदाता एक बूथ से दूसरे बूथ में स्थानान्तरित होने वाले है उनमे सेक्शन, हाउस नंबर, नजरी नक्शा बनाया जाकर बूथ विभाजन भी होगा साथ ही इस नवीन बूथ पर ड्राफ्ट रोल उपरांत दावे एवं आपत्ति प्राप्त करना एवं उनका निस्तारण अवधि में कार्य संचालन नवीन बीएलओ को करना होगा। उन सभी बूथों पर नियोजन हेतु चिन्हित बूथ लेवल अधिकारी को अनिवार्य रूप से साथ रखा जावे जिस से उक्त कार्मिक बीएलओ नियुक्ति उपरांत त्वरित कार्य निष्पादित कर सके।

प्रत्येक मतदाता की सहायता हेतु बीएलओ के साथ-साथ प्रत्येक बूथ पर न्यूनतम 4 वालियन्टर्स भी लगाये जायें जिनमे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, राजीविका सखी, एएनएम, साक्षरता प्रेरक, ग्राम पंचायत के कार्मिक, एनएसएस, एनसीसी के छात्र छात्रायें आदि सम्मिलित हो सकते हैं।

स्वंयसेवकों की नियुक्ति के समय ध्यान देने योग्य बिन्दुः-

सरकारी परितंत्र से परिचित व्यक्ति के नियोजन को प्राथमिकता दी जाये, पूर्व में निर्वाचन में नियोजित व्यक्ति को भी प्राथमिकता दी जाये,

स्वयंसेवकों (सरकारी कार्मिकों के अतिरिक्त) के लिए पात्रता मानदंड

1. आयु 18 वर्ष और उससे अधिक।

2. शिक्षाः न्यूनतम 10वीं पास होना वांछनीय।

3. अधिमानतः उसी जिले/ब्लॉक का निवासी/अध्ययनरत होना चाहिए जहाँ सहायता प्रदान की जा रही है।

4. राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों से कोई सीधा संबंध नहीं हो।

5. किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का कोई निकट रक्त संबंधी नहीं हो।

स्वंयसेवको की नियुक्ति से पूर्व जाँच मापदण्ड-

1 राजनीतिक तटस्थता घोषणा पत्रः- स्वयंसेवक को स्वयं घोषित करना होगा कि पिछले 5 वर्षों में किसी भी राजनीतिक दल में उसका कोई वर्तमान/पूर्व औपचारिक पद नहीं रहा है।

2. चुनावी संबद्धता जांचः- यह जाँच करें कि क्या उनका नाम राजनीतिक दल के पदाधिकारियों, प्रचार एजेंटों या उम्मीदवार प्रस्तावकों की सूची में है/या पूर्व में था।

3. अनुशंसा जाँचः- किसी भी राजनीतिक दल के पदाधिकारी की अनुशंसा स्वीकार नहीं की जाएगी।

सोशल मीडिया और डिजिटल फुटप्रिंट-

सोशल मीडिया अकाउंट्स की पिछले 2 वर्षों की समीक्षा

अभद्र भाषा, ध्रुवीकरणकारी सामग्री, राजनीतिक प्रचार या गलत सूचना की जाँच करें।

उन अकाउंट्स को चिह्नित करें जिन्हें पहले प्रतिबंधित किया गया है. चेतावनी दी गई है या उल्लंघनों के लिए रिपोर्ट किया गया है।

डिजिटल जाँच पैनलः- सोशल प्रोफाइल (फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन स्टेटस) की जाँच के लिए एक ईआरओ टीम नियुक्त करें।

चरित्र और पृष्ठभूमि सत्यापन (सरकारी कार्मिकों के अतिरिक्त) -

पुलिस सत्यापनः- स्थानीय पुलिस अधिकारी को सत्यापन दल का सदस्य बनाया जाये।

कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं लंबित आपराधिक मामलों (विशेषकर चुनाव सार्वजनिक व्यवस्था सांप्रदायिक सद्भाव से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत) वाले स्वयंसेवकों को इस सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।

प्रशिक्षण

ईआरओ/बीएलओ के माध्यम से डीएलएमटी द्वारा आयोजित ब्रीफिंग/प्रशिक्षण सत्र में अनिवार्य भागीदारी की जावे। सभी स्वंयसेवकों के नियोजन पूर्व संबंधित सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्तर पर जाँच उपरान्त उनकी अभिशंषा के साथ सूची संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को प्रेषित की जायें। तद्धपरांत संबंधित ईआरओ द्वारा उचित मूल्यांकन पश्चात् स्वंयसेवको का नियोजन किया जाना सुनिश्चित करें।

Tags

Next Story