एक युग का अवसान, सेवा-संस्कार की अमिट छाप— लाड स्वर्णकार को उमा जी का खेड़ा विद्यालय परिवार ने दी भावविह्वल विदाई"

आकोला ( रमेश चंद्र डाड)
शब्द जब भावनाओं का साथ छोड़ दें, और नेत्र स्वयं ही स्मृतियों से भर आएँ— तो समझिए किसी विशेष व्यक्तित्व की विदाई हो रही है। ऐसा ही एक भावनात्मक क्षण साक्षी बना राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय उमा जी का खेड़ा जहाँ वरिष्ठ शिक्षिका लाड स्वर्णकार के सेवानिवृत्त होने पर एक गरिमामयी विदाई समारोह का आयोजन हुआ।
समारोह के अध्यक्ष के रूप में स्वयं लाड स्वर्णकार उपस्थित रही जिन्होंने दशकों तक शिक्षा के पावन क्षेत्र को अपने तप, त्याग और समर्पण से आलोकित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रधानाचार्य कुलदीप केलाणी, विशिष्ट अतिथि के रूप में कोटड़ी ब्लॉक के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उदय लाल स्वर्णकार, ख्यातिनाम चित्रकार ओम प्रकाश सोनी, संस्कार भारती निदेशक घनश्याम सोनी, विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्यार चन्द धाकड़ एवं ग्राम की सम्माननीय सरपंच चन्द्र रेखा धाकड़ सहित कई गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी रही।
समारोह का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ जिसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को आध्यात्मिक और भावुक बना दिया। प्रधानाचार्य केलाणी ने अपने उद्बोधन में कहा—
"लाड स्वर्णकार मात्र एक शिक्षिका नहीं, बल्कि संवेदना, अनुशासन और आदर्श की जीती-जागती प्रतिमूर्ति रही हैं। उनका योगदान बिजोलियां ब्लॉक की शैक्षिक धरोहर का एक स्वर्णिम अध्याय है।"
कोटड़ी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने भी लाड स्वर्णकार के कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा— "ऐसे समर्पित और ईमानदार शिक्षक दुर्लभ होते हैं, जिन्होंने न केवल विद्यार्थियों को पढ़ाया, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाई।"
स्मृति-चिह्नों का भेंट करना, पुष्प-वर्षा, विद्यार्थियों की आंखों में उतर आए आँसू और शिक्षकों की भर्राई आवाजें, उस आत्मीय संबंध का प्रमाण थीं जो लाड स्वर्णकार ने इस विद्यालय में अर्जित किया।
अपने विदाई वक्तव्य में, लाड स्वर्णकार भावुक होकर बोलीं—
"यह विद्यालय मेरे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। यहां बिताए गए पल, बच्चों की मुस्कानें और सहकर्मियों का साथ मेरी आत्मा में सदा जीवंत रहेगा। मैं शिक्षिका नहीं, मां बनकर पढ़ाती रही और बच्चों ने भी मुझे उसी स्नेह से स्वीकारा।"
समारोह का समापन स्मृति चिन्ह, सामूहिक भोज और मंगलकामनाओं के साथ हुआ। सभी ने लाड स्वर्णकार के दीर्घायु होने, उनके उज्जवल और सुखद भविष्य की कामना की। इस अवसर पर लाड स्वर्णकार ने विद्यालय में 21000/- रुपये की राशि विद्यालय को भेंट किये। समारोह का संचालन शोहराब हुसैन ने किया।