आयकर के तहत टेक्स ऑडिट रिपोर्ट रिटर्न फाइलिंग आदि की अन्तिम तिथी बढ़ाने की मांग

भीलवाडा (हलचल)। मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चैयरमेन रवि अग्रवाल को प्रतिवेदन भेजकर आयकर के तहत टेक्स ऑडिट रिपोर्ट रिटर्न फाइलिंग आदि की अन्तिम तिथी बढ़ाने की मांग की। चैम्बर ने फर्म, कम्पनी एवं ट्रस्ट के लिए टेक्स ऑडिट रिपोर्ट एवं अन्य फार्म दाखिल करने की अन्तिम तिथी 31 सितम्बर से बढ़ाकर 30 नवम्बर करने, ऑडिट किये गये प्रकरणों में इनकम टेक्स रिटर्न दाखिल करने की तिथी 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर करने एवं फार्म 3सीईबी दाखिल करने की तारीख 30 नवम्बर से बढ़ाकर 31 जनवरी 2026 करने की मांग की गई है।
मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि आयकर पोर्टल पर तकनीकी और प्रणालीगत अड़चनों के कारण करदाताओं और कर सलाहकार को बार-बार स्कीम अपडेट, सत्यापन त्रुटियां और पोर्टल डाउनटाइम का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा अक्सर पोर्टल धीमा चलता है, रिटर्न अपलोड करते समय त्रुटि संदेश बार-बार आते है।
जुलाई से अक्टूबर के महीनों के दौरान व्यवसायों और सलाहकारों के लिए काफी व्यस्त समय होता है। आयकर के अतिरिक्त करदाताओं को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने, कंपनी कानून जिसमें एमसीए के साथ वार्षिक रिटर्न और वित्तीय विवरण दाखिल करना आवश्यक होता है। इसके परिणामस्वरूप करदाताओं और सलाहकार दोनों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे अनावश्यक तनाव, फाइलिंग में त्रुटियाँ और बाद में टाले जा सकने वाले विवाद उत्पन्न होते हैं।
अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2025 के महीनों में, कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय त्योहारों के साथ-साथ सार्वजनिक अवकाश भी कार्य दिवसों की संख्या भी काफी कम हैं।
नवीनतम आईटीआर फॉर्म और ऑडिट रिपोर्ट में व्यापक जानकारी देने की आवश्यकता होती है। पारदर्शिता के दृष्टिकोण से ये आवश्यकताएँ स्वागत योग्य हैं, लेकिन इनसे तैयारी का समय काफी बढ़ जाता है और कई प्रणालियों से डेटा एकत्र करने की आवश्यकता होती है। इन्हें ठीक से भरना आवश्यक है। विशेष रूप से, कॉर्पाेरेट्स के लिए, आईटीआर-6 और फॉर्म 3सीडी में नई रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के लिए वित्त, लेखा परीक्षा, कानूनी और अनुपालन टीमों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है। उपयोगिताओं के देर से जारी होने के कारण, अंतर-विभागीय समाधान और लेखा परीक्षा समीक्षा के लिए उपलब्ध समय बहुत सीमित हो गया है।
