25 साल तक फर्जी शिक्षक और विभाग की अनदेखी, बारा और भीलवाड़ा में हो सकता है बड़ा खुलासा

25 साल तक फर्जी शिक्षक और विभाग की अनदेखी, बारा और भीलवाड़ा में हो सकता है बड़ा खुलासा
X


बारा। राजपुरा गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 25 साल तक अपने स्थान पर तीन स्टेपनी फर्जी शिक्षकों से पढ़ाई कराई गई, लेकिन शिक्षा विभाग इस घोटाले पर सोता रहा। मामला 21 दिसंबर 2023 को उजागर हुआ, जब मौके पर तीन फर्जी शिक्षकों को पढ़ाते हुए पकड़ा गया। इसके बाद निलंबित शिक्षक विष्णु और मंजू गर्ग के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई।

लंबा समय और भारी वेतन

जांच में सामने आया कि दोनों शिक्षक करीब दो दशकों से स्कूल में उपस्थित नहीं थे, फिर भी वेतन लगातार लेते रहे। फरवरी 2024 में गठित जांच दल ने विष्णु गर्ग का वेतन 84.18 लाख रुपए + 18% ब्याज सहित 4.92 करोड़ और मंजू गर्ग का 82.48 लाख + 18% ब्याज सहित 3.56 करोड़ वसूली योग्य निर्धारित किया। कुल मिलाकर 8.48 करोड़ रुपए वसूली का नोटिस जारी किया गया।

भीलवाड़ा में संभावित समान मामले

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रदेश स्तर पर पूरी जांच हो, तो ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं। भीलवाड़ा जिले में भी कुछ स्कूलों में इसी तरह फर्जी शिक्षक और लंबे समय तक वेतन लेने की घटनाएं हो सकती हैं। ग्रामीण और शिक्षा जगत का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही सीधे बच्चों की पढ़ाई पर असर डालती है।

विभाग की प्रतिक्रिया और भविष्य की कार्रवाई

जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) ने 28 अगस्त को दोनों निलंबित शिक्षकों को राशि वसूलने का नोटिस भेजा। अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसे अनियमितताओं पर रोक लग सके।

चेतावनी और शिक्षा जगत के लिए सबक

यह मामला शिक्षा विभाग की निगरानी की कमी को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसे मामलों की समय पर पहचान और कार्रवाई नहीं हुई, तो न सिर्फ बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है बल्कि विभाग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।

सवाल उठता है: क्या बारा की इस घटना से सबक लेकर प्रदेश भर में स्कूलों में व्यापक जांच कराई जाएगी, ताकि भीलवाड़ा और अन्य जिलों में छुपे फर्जी शिक्षक पकड़े जा सकें?

Next Story