साहित्यिक रंगत गंगापुर-सारंग के द्वितीय अधिवेशन में प्रसिद्ध साहित्यकारों ने की शिरकत
सहाड़ा विधान सभा क्षैत्र के साहित्यिक रंगत गंगापुर (सारंग) ग्रुप की ओर से रविवार को स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल पोटलां के सभागार में नववर्ष स्नेह मिलन एवं द्वितीय वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया।
सारंग के सचिव देवकिशन "मेघांश" ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि भगवती लाल भाटिया,सारंग के संरक्षक अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अक्षयराज सिंह झाला,राष्ट्रीय मंच संचालक बद्री बसंत, बाल साहित्यकार डॉ.सत्यनारायण 'सत्य' अध्यक्ष मूमल राजगोपाल,पहली पोथी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित मोहन पुरी गोस्वामी एवं अजय हिंदुस्थानी बेगूँ,अन्या-मन्या कला मंच के संस्थापक राष्ट्रीय रंगकर्मी भवानी शंकर भट्ट ने सरस्वती माँ एवं स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर की।
पैरोडीकार जगदीश माली द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
प्रसिद्ध गीतकार मोहन पुरी को साहित्य पुरस्कार मिलने पर सारंग द्वारा अभिनंदन किया गया।
उसके पश्चात राधेश्याम 'राधे' ने भक्ति में खुद को इतना तल्लीन किए बैठे हो, लगता है कोई जुर्म बड़ा संगीन किए बैठे हो।
मोहन पुरी ने गांव में फिर तुम तो कभी आये नहीं,एक लड़की तुम्हारा पता पूछती है।
अजय हिंदुस्थानी ने ईश्वर की सौगंध बहुत ही खास होती है बेटियाँ।
रईस राईपुरी ने उलझी गांठे सुलझाने की कोशिश करता रहता हूँ।
देवकिशन "मेघांश" ने चिड़कली आछी रिज्यै ए चिड़कली डावी रिज्यै ए गीत और सबकी अपनी जिम्मेदारी है सबको अपना किरदार निभाना है ग़ज़ल पढ़ी।
सम्पत साथी सरगांव ने हाल क्या है दिल्ली का ना पूछो।
तारीफ हुसैन ने मोहब्बत के दिन पुलवामा के शहीदों का नाम आयेगा।
लक्ष्मण लखन ने मेरे जोश को होश दे दो।
शायर कान्हा सुथार ने ये जिंदगी है जनाब मेरी माँ थोड़ी है।
दिलखुश राव सुरास ने जिस तरफ भी चला सिर उठाए चला।
बालकवि डॉ.सत्यनायण "सत्य" ने बाल गीत और कविताएँ पढ़ी एवं साहित्य के महत्व पर उद्बोधन दिया।
साहित्यकार अक्षयराजसिंह झाला ने बेहतरीन ग़ज़लों से समा बांधते हुए सारंग समूह की साहित्य के प्रति प्रेम और योगदान की प्रशंसा की और नवोदित साहित्यकारों से रचना में भावपक्ष और कला पक्ष में सामंजस्य रखने का आह्वान किया। राष्ट्रीय मंच संचालक और कवि बद्री बसंत ने कार्यक्रम साहित्यिक रंगत गंगापुर सारंग द्वारा किए जा रहे प्रयासों को पटल पर रखते हुए नवोदित कवियों से आह्वान किया कि अपनी कलम से युवाओं को दशा और दिशा प्रदान करे।
गीतकार मूमल राजगोपाल ने इसी बेस पर चला है देश जिसकी लाठी उसकी भैंस गीत से सबको लोटपोट कर दिया।
कवि मनीष माली,रामचंद्र गुर्जर,जगदीश जगत,रामकरण लौहार आरणी,ओम प्रकाश शर्मा ने बेहतरीन रचनाओं का काव्य पाठ किया।
मंच संचालन ईश्वर अनंत ने किया।
कार्यक्रम के अंत में स्नेह भोज का आयोजन किया एवं सभी साहित्यकारों को प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया गया।