हमीरगढ़ में खाद संकट गहराया, सहकारी समिति का स्टोर 12 माह से खाली, किसान परेशान

हमीरगढ़ में खाद संकट गहराया, सहकारी समिति का स्टोर 12 माह से खाली, किसान परेशान
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हमीरगढ़ (अलाउद्दीन मंसूरी) क्षेत्र के किसान पिछले एक साल से खाद की तंगी का सामना कर रहे हैं।रबी सीजन की बुवाई शुरू होने के बावजूद खाद उपलब्ध न होने से किसान परेशान हैं। क्रय-विक्रय सहकारी समिति का स्टोर पिछले 12 माह से खाली पड़ा है,जिसके कारण किसानों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।

किसान एवं सहकारी समिति के सदस्य घासी राम गाडरी ने बताया कि इस समय गेहूं,जो,सरसों और आलू जैसी फसलों की बुवाई के लिए इफको यूरिया व अन्य खाद की अत्यंत आवश्यकता है।किसानों को खाद समय पर नहीं मिलने से बुवाई में देरी हो रही है।जिन किसानों ने किसी तरह अन्य जगहों से खाद की व्यवस्था कर ली वे बुवाई कर चुके हैं,लेकिन अधिकांश किसान सहकारी समिति के भरोसे है जहां चक्कर काटने को मजबूर हैं।किसानों की परेशानी बढ़ने पर उन्होंने सहकारी समिति प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया और अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग तक कर दी।किसानों का कहना है कि समिति द्वारा समय रहते प्रयास नहीं किए जाने से खाद संकट बढ़ा है।

इस मामले में समिति के अध्यक्ष जगदीश चन्द्र टेलर ने बताया कि“समिति का पुराना भुगतान पूरा कर दिया गया है, कोई बकाया नहीं है। इसके बावजूद भी समिति को खाद उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है,जबकि हमीरगढ़ में ही यूरिया के रैक खाली हो रहे हैं।भीलवाड़ा कृषि विभाग की सूची में हमारा नाम 38वें नंबर पर है,फिर भी सप्लाई नहीं मिली।”

जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को हमीरगढ़ रेलवे गोदाम में करीब 59,000 से अधिक खाद के बैग पहुंचे हैं,जिन्हें जिले की लगभग 120 समितियों में सप्लाई किया जाना है।इसके बावजूद हमीरगढ़ समिति को अब तक खाद नहीं मिलने से किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है।किसानो का कहना है कि यदि जल्द ही खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।कृषि विभाग व सहकारी विभाग से किसानों ने मांग की है कि तत्काल खाद सप्लाई सुनिश्चित की जाए, ताकि रबी फसलों की बुवाई समय पर हो सके।क्षेत्रीय प्रबंधक लालाराम चौधरी ने बताया कि इफको एक संस्था है जो क्षेत्र की सहकारी समितियों को रियायती दर पर यूरिया उपलब्ध करवाती है वहीं हमीरगढ़ के सहकारी समिति के व्यवस्थापक ने इफको कम्पनी से पहले क्रय विक्रय किया जब 6 से 7 लाख रुपए का भुगतान बकाया हो गया तो कम्पनी को बकाया राशि लौटाने में करीब 6 माह तक टालमटोल किया और उसके बाद फोन उठाना ही बन्द कर दिया जब व्यवस्थापक के घर जाकर संपर्क किया गया तो ज्ञात हुआ कि उन्होंने इफको की बकाया करीब 7 लाख की राशि अपने निजी कार्यों में खर्च कर दी।

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