फल एवं सब्जी उत्पादन किसानों के आर्थिक सुधार में सक्षम - डॉ. कर्नाटक

भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र शाहपुरा, भीलवाड़ा द्वितीय पर वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के माननीय कुलगुरू डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि किसान भाई फल एवं सब्जी उत्पादन द्वारा आर्थिक रूप से सक्षम एवं समृद्ध बने। डॉ. कर्नाटक ने वर्षा जल संरक्षण पर जोर देते हुए बताया कि जल का संरक्षण एवं समुचित उपयोग आज की प्रमुख आवश्यकता है।
डॉ. कर्नाटक ने बीज रहित संतरा उत्पादन तकनीकी, ड्रेगन फ्रूट उत्पादन तथा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा विकसित मक्का की किस्म प्रताप संकर मक्का 6 की विशेषताओं पर चर्चा की। डॉ. कर्नाटक ने राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबन्ध अकादमी, हैदराबाद से आये वैज्ञानिकों डॉ. सुष्मिता सैनी, डॉ. समृति रंजन, डॉ. करूणा प्रकाश बंबोडे, डॉ. प्रताप एम. जी. एवं डॉ. अरकादेब मुखोपाध्याय से सीखना, भूलना एवं पुनः सीखना की परिकल्पना पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. आर. एल. सोनी, निदेशक प्रसार शिक्षा निदेशालय उदयपुर ने सहजन की उपयोगिता एवं महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए सहजन पर प्रशिक्षण आयोजित करने एवं सहजन को दैनिक आहार में शामिल करने की आवश्यकता जताई।
डॉ. सोनी से मशरूम इकाई की स्थापना करने एवं प्रसार कार्यकर्ता प्रशिक्षण में जन प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। डॉ. लोकेश गुप्ता, अधिष्ठाता डेयरी महाविद्यालय, उदयपुर ने एफपीओं का गठन करने तथा पशुपालन एवं उद्यानिकी पर प्रक्षेत्र परीक्षण का आयोजन करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने केन्द्र की गतिविधियों से अवगत करवाते हुए वाार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा बैठक में प्राप्त सुझावों की पालना सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
कृषि महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ. एस.डी. धाकड़ ने उड़द की उन्नत किस्म कोटा उड़द 4 के प्रदर्शन अधिक से अधिक किसानों को देने की आवश्यकता जताई। राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के प्रोफेसर डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बेर, अंजीर, अमरूद, अरवी, शक्करकन्द के प्रदर्शन देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं सन्तरा, अनार के बगीचे लगाने का सुझाव दिया। सह आचार्य डॉ. अमित दाधीच ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का एवं ज्वार की किस्मों के प्रदर्शन अधिकतम किसानों को देकर बीज उत्पादन पर जोर दिया। बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. ललित छाता ने पौध संरक्षण विषय के प्रशिक्षण आयोजित करने एवं प्रशिक्षण में सहयोग लेने की बात कही।
डॉ. के. सी. नागर, प्रोफेसर शस्य विज्ञान ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बारानी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली खरीफ एवं रबी फसलों की उन्नत किस्मों के बारे में चर्चा की। बैठक में अनुभाग अध्किारी निलेश कुमार, डॉ. किशन लाल जीनगर, पूर्व अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, भीलवाड़ा, डॉ. राजेश जलवानियाँ, डॉ. एच.एल. बुगालिया, गोपाल लाल टेपन, हेमलता मीणा, दीपक कुमार कोली, डॉ. विजय टेलर, इफको के प्रतिनिधि प्रदीप कुमार, आईसीडीएस से संजू भील, प्रगतिशील कृषक रामचन्द्र शर्मा, सुखीदेवी आदि उपस्थित थे।
