भगवान की कथा मंगलमय है, भगवान का हर विधान मंगलमय है-अशोक

भगवान की कथा मंगलमय है, भगवान का हर विधान मंगलमय है-अशोक
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आकोला(रमेश चंद्र डाड)कोटड़ी सवाईपुर रोड स्थित बाडियो के बालाजी मंदिर में आज सत्संग के दूसरे दिन अशोक भाई ने प्रवचन में बताया कि भगवान ने सभी पर विश्वास किया जीव-जंतु ,पशु-पक्षी पर लेकिन मनुष्य पर नहीं ?कारण के बिना साधना करना असंभव है मनुष्य की तीन मांग है- पहली मांग जन्म लूं लेकिन मरू नहीं ! परमात्मा की मृत्यु नहीं होती मृत्यु तो शरीर की होती है भगवत गीता कह रही है जीव आत्माओं को अग्नि जला नहीं सकती, पानी गला नहीं सकती, हवा सुखा नहीं सकती ! भगवान सच्चिदानंद है ! दूसरी मांग की सभी के मन की बात जान जाऊं, तीसरी मांग मेरे जीवन में दुख कभी नहीं आए! लेकिन आनंद क्या है जो सभी मुसीबत के ऊपर उठ जाए वह आनंद है जीवन के दो पहिए हैं सुख व दुख, सुख में कभी फूलना नहीं चाहिए और दुख में घबराना नहीं चाहिए कभी सुख आता है तो कभी दुख इसी का नाम जीवन है मनुष्य भी उसी का अंश होने से सच्चिदानंद स्वरुप है! अतः हमें अभी वर्तमान में भगवान का सत्संग करना चाहिए क्योंकि यही साथ में जायेगा प्रभु का सिमरन ही आज की आवश्यकता है !

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