बारह देव दरबार मंदिर शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापना व महायज्ञ की हुई पूर्णाहुति

धनोप (राजेश शर्मा)। रविवार 27 अप्रैल से चल रहे 21 कुंडीय श्री विष्णु महायज्ञ में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन शनिवार को हुआ। कस्बे में शनिवार को भगवान श्री बाराह देवरा देव दरबार के शिखर पर स्वर्ण कलश यज्ञ संयोजक महंत गंगादास महाराज एवं संयोजक महामंडलेश्वर श्रीराम मिलन दास महाराज सहित संत समाज एवं यज्ञाचार्य पंडित अमित कुमार पंचोली एवं विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच प्रदेश के कोने-कोने से आए लावडा गुर्जर समाज सहित सैंकड़ों अखिल भारतीय गुर्जर समाज बंधुओ की उपस्थिति में शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापना की गई।
मंदिर शिखर पर चढ़ाए गए स्वर्ण कलश की बोली नहीं लगा कर सामाजिक परंपरा अनुसार सर्व सहमति से कलश के मांगलिक लच्छा बांधकर सभी की सहभागिता से कलश चढ़ाया गया। धार्मिक कार्यक्रम से पूर्व समाज बंधुओ द्वारा भगवान श्री देव दरबार बारह देवरा सहित बारह देवरा बालाजी के दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।मंदिर परिसर पर उपस्थित गुर्जर समाज की महिलाओं एवं पुरुषों, धर्म प्रेमी बंधुओ ने भगवान श्री देव दरबार के जयकारों से भक्ति मय कर दिया।
मंदिर परिसर में भगवान शिव शंकर, साडु माता सहित देवी देवताओं की स्थापना हुई।यज्ञाचार्य पंडित अमित कुमार पंचोली एवं ज्योतिषाचार्य रामेश्वर प्रसाद जोशी सहित विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच 21 कुंडिया श्री विष्णु महायज्ञ के सातवें दिन यज्ञ शाला में यजमानों ने यज्ञ वेदी में घी एवं शाकुलिय की आहुति दी। अखिल भारतीय गुर्जर समाज सहित राष्ट्रीय लावडा गुर्जर समाज के द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन भागवताचार्य सांपला गौशाला प्रबंधक अवधेश जी महाराज ने वेदव्यास पीठ से पांडाल में उपस्थित श्रोताओं को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण के दौरान द्रोपदी चीर हरण प्रसंग का वर्णन करते हुए उपस्थित धर्म प्रेमी बंधुओ से अवधेश जी महाराज ने कहा कि जब भी जीवन में संकट, विपत्ति, किसी प्रकार की मुसीबत आए तो सच्चे मन से प्रभु का ध्यान करना चाहिए जिससे कोई न कोई समाधान बन जाएगा। अवधेश महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का वर्णन करते हुए कहा कि किसी की भी निंदा मत करो, निंदा सबसे बड़ा अपराध है। उन्होंने जीवन में व्यक्ति की उन्नति के लिए प्रातः काल सूर्यास्त पूर्व बिस्तर छोड़ना एवं बिस्तर छोड़ने से पूर्व धरती मां को प्रणाम करना जिससे मां भगवती का सदेव जीवन में आशीर्वाद बना रहता है।
वहीं उन्होंने कहा कि व्यापार में उन्नति के लिए प्रतिदिन स्नान के पश्चात पीतल के लोठे में थोड़ा सा जल लेकर भगवान सूर्य देव को जल अवश्य चढ़ाएं जिससे सदैव व्यापार में उन्नति हो सके। कथा से पूर्व यज्ञ समिति द्वारा बाहर से आए हुए लावडा समाज बंधुओ, धर्म प्रेमी बंधुओ का दुपट्टा पहनाकर स्वागत सत्कार कर अभिनंदन किया गया। इस दौरान समाजसेवी लावड़ा दुर्गा लाल फौजी, ग्राम पंचायत सरपंच रामस्वरूप गुर्जर, आसाराम बोर्ड, समाजसेवी हीरालाल बावला, समाजसेवी आसाराम काबर, नानूराम कारोलिया, रंगलाल फागणा, उमाशंकर फागडा, भागचंद बोर्ड, विजय लाल गुर्जर, रतनलाल गुर्जर, सीताराम गुर्जर, प्रह्लाद गुर्जर, शिक्षक बालूराम गुर्जर, राष्ट्रीय यज्ञ समिति सचिव भीमराज गुर्जर, युवा मोर्चा अध्यक्ष दयाराम फागणा, छोटू लाल गुर्जर, प्रधान धाबाई, दिलखुश गुर्जर, देवसेना अध्यक्ष चिंटू गुर्जर, उपाध्यक्ष टीकम गुर्जर सहित सैकड़ों समाज की महिलाएं एवं पुरुषों ने धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर धर्म लाभ प्राप्त किया।