भीलवाड़ा में हाईटेक सफाई व्यवस्था में बाधा, कई क्षेत्रों में लोगों का विरोध

भीलवाड़ा । स्वच्छता में देशभर में नंबर-वन रहे इंदौर की तर्ज पर भीलवाड़ा शहर में कचरा संग्रहण व्यवस्था को हाईटेक बनाने की तैयारी चल रही है, लेकिन कई क्षेत्रों में यह व्यवस्था अटक रही है। नगर निगम द्वारा नियुक्त एजेंसी के कर्मचारी जब घरों के बाहर स्मार्ट आरएफआईडी कार्ड लगाते हैं, तो लोग इन्हें हटा देते हैं या टीम को काम नहीं करने देते। मजबूरी में टीम को कार्ड वापस हटाने पड़ रहे हैं, जिससे डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था को आधुनिक बनाने में बाधा आ रही है।

नगर निगम ने शहर के 70 वार्डों में इस प्रोजेक्ट का काम नेचर ग्रीन टूल्स एंड मशीन्स लिमिटेड को सौंपा है। कंपनी अब तक करीब 18 हजार घरों का सर्वे कर 7 हजार स्मार्ट कार्ड लगा चुकी है, लेकिन कई क्षेत्रों में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा। लोग मकान मालिक की जानकारी देने से भी कतराते हैं। कई इलाकों में विरोध के कारण लगाए गए कार्ड हटाने पड़े। मुख्य वजहों में गोपनीयता को लेकर गलतफहमी, यूजर चार्ज का डर और सिस्टम की जानकारी का अभाव शामिल है।

नगर निगम ने माना है कि सहयोग न मिलने से जनवरी 2026 से शुरू होने वाला प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकता है। स्मार्ट सिस्टम लागू होने पर ऑटो टिपर घर-घर पहुंचने से पहले मोबाइल पर संदेश आएगा, कार्ड स्कैनिंग से कचरा संग्रहण की रीयल टाइम मॉनिटरिंग होगी और छूटे घरों का डेटा तुरंत दर्ज हो जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट कार्ड गोपनीयता भंग करने के लिए नहीं, बल्कि सफाई व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए हैं।

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