सेवाश्रम में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व, विशेष बच्चों ने किया गुरुओं का सम्मान

भीलवाड़ा । सेवाश्रम - बौद्धिक दिव्यांग पुनर्वास गृह एवं विशेष विद्यालय में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व अत्यंत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विशेष बच्चों ने अपने गुरुओं का सम्मान कर गुरु-शिष्य परंपरा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का आरंभ सेवाश्रम की अध्यक्ष मधु काबरा के प्रेरक उद्बोधन से हुआ। उन्होंने सभी बच्चों को जीवन में गुरु के महत्व से अवगत कराते हुए उन्हें सदैव गुरुजनों का सम्मान करने की शिक्षा दी। मधु काबरा ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति की प्रथम गुरु उसकी मां होती है। इसके पश्चात, बच्चों ने पूरे आदर के साथ अपने अध्यापकों को तिलक लगाया, पुष्प भेंट किए और उनके श्री चरणों में प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह दृश्य बेहद भावुक और हृदयस्पर्शी था। इस अवसर पर सेवाश्रम के सचिव गिरीश अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य ओम कोगटा, विभा जैन और सुधा जैन ने भी सभी अध्यापकों पर पुष्प वर्षा कर उनका सम्मान किया। सचिव गिरीश अग्रवाल ने अध्यक्ष मधु काबरा के निस्वार्थ सेवाभाव और समर्पण को देखते हुए उन्हें 'गुरु मां' की उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने मधु काबरा को तिलक लगाकर और उपर्णा ओढ़ाकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। कार्यक्रम के अंत में, अध्यापिकाओं आशा काबरा, निहारिका तोषनीवाल, प्रेमलता ओझा और विनीता चौधरी ने सभी बच्चों को चॉकलेट देकर उनका मुंह मीठा करवाया, जिससे उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
सेवाश्रम में गुरु पूर्णिमा का यह आयोजन गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को मजबूत करने और समाज में गुरुओं के प्रति आदर का भाव जगाने का एक सफल प्रयास रहा।