गुरु पन्ना के स्वाध्याय संघ से जुड़ने से दीक्षा ले पाया: धैर्य मुनि

आसींद (सुरेन्द्र संचेती) गुरु हमे सदैव सन्मार्ग का रास्ता दिखाते है,गुरु अपने साधक का पूरा ध्यान रखते है। गुरु पन्ना संगठन प्रेमी एवं दूर दृष्टि वाले संत थे। उन्होंने देश में सबसे पहले स्वाध्याय संघ की स्थापना की। आज उनके नाम से गुलाबपुरा में मिर्गी रोग निवारण केंद्र, विजयनगर में स्कूल, कॉलेज, चिकित्सालय , गौ शाला सहित अनेक मानवता के कार्य किए जा रहे है। स्वाध्याय संघ से जुड़ने के कारण ही मैं दीक्षा ले पाया उक्त विचार नवदीक्षित संत धैर्य मुनि ने पूज्य प्रवर्तक गुरुदेव पन्ना लाल म.सा. की 138 जयंती के अवसर पर महावीर भवन में व्यक्त किए।
मुनि ने कहा कि अज्ञानता को दूर करने का माध्यम है स्वाध्याय इससे लाखों लोग जुड़े हुए है। विक्रम संवत 1945 में भाद्रपद सुदी तीज के दिन माली परिवार में नागौर जिले के कितलसर गांव में माता तुलसी बाई की कोख में आपका जन्म हुआ आपके पिता का नाम बालूराम था। मात्र 11 वर्ष की आयु में जैन संत मोतीलाल जी म.सा. से जैन धर्म में दीक्षा अंगीकार की। आपके अतिशय से डाकू मोड़सिंह ने हिंसा का रास्ता त्यागकर धर्म का रास्ता अपना लिया था। आपकी प्रेरणा से कई स्थानों पर पशु बलि प्रथा एवं सामाजिक कुरीतियों को समाप्त किया गया।
प्रवर्तिनी डॉ दर्शन लता ने कहा कि गुरुदेव का संघ और समाज पर बहुत बड़ा उपकार रहा है। समाज सुधार, मानवता और स्वाध्याय उनमें खूब भरा हुआ था। स्वाध्याय संघ की देश में पहली बार स्थापना आपने ही की, उस समय काफी विरोध भी हुआ लेकिन आज स्वाध्याय संघ अपना भरपूर योगदान समाज को प्रदान कर रहा है।
साध्वी डॉ चारित्र लता ने अंतर्गढ़ सूत्र का वाचन करते हुए कहा कि घृणा पाप से करो पापी से नहीं। सांसारिक जीव पाप क्रिया में इतना आसक्त है कि उसे दूर करना कठिन कार्य है। अर्जुन माली दीक्षा अंगीकार कर अर्जुन अणगार बन गए। शरीर पर तनिक मात्र भी द्वेष नहीं करते हुए सम भाव से 6 महीने में अपने कर्मो का क्षय कर लिया। साध्वी ने गुरुदेव पन्ना लाल जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला। साध्वी कीर्ति लता ने इस अवसर पर मधुर गीतिका प्रस्तुत की। संघ के संरक्षक शांति लाल बनवट, अध्यक्ष भंवर लाल कांठेड़,वरिष्ठ श्रावक तारा चंद रांका, विमल चौधरी भीलवाड़ा, चंद्रकांता ढाबरिया ने अपना वक्तव्य दिया। इस अवसर पर सामूहिक दया तप का आयोजन किया गया। गुरुवार को संवत्सरी महापर्व तप त्याग एवं क्षमा याचना कर मनाया जायेगा। संघ मंत्री अशोक श्रीमाल ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
