दीपावली स्नेह मिलन के साथ आईसीएआई भीलवाड़ा कार्यशाला सम्पन्न

भीलवाड़ा : दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की उद्योग एवं व्यापार से जुड़े सदस्यों की समिति के तत्वावधान में आईसीएआई भीलवाड़ा शाखा द्वारा आज आईसीएआई भवन, पटेल नगर, भीलवाड़ा में “लेखा एवं जीएसटी 2.0 वाद-विवाद के विकसित होते आयाम” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहर एवं आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एवं प्रोफेशनल्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं स्वागत उद्बोधन से हुआ। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभागियों ने जीएसटी कानून, लेखांकन एवं अंतरराष्ट्रीय अवसरों से संबंधित नवीन जानकारियां प्राप्त कीं।
शाखा अध्यक्ष सीए आलोक सोमानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “आईसीएआई भीलवाड़ा शाखा का उद्देश्य केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि सदस्यों को संवाद, नेटवर्किंग और अनुभव साझा करने का मंच प्रदान करना है। आज का यह आयोजन और स्नेह मिलन समारोह उसी दिशा में एक सार्थक कदम है। मैं सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।”
रीजनल काउंसिल सदस्य, केन्द्रीय क्षेत्र सीए निर्भीक गांधी ने कहा कि “आज का आयोजन न केवल जीएसटी की जटिलताओं को समझने का माध्यम रहा, बल्कि इसने यह भी दर्शाया कि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना सकते हैं। मैं भीलवाड़ा शाखा को इस सार्थक पहल के लिए बधाई देता हूं।”
रीजनल काउंसिल सदस्य, केन्द्रीय क्षेत्र सीए धवल कोठारी ने अपने संबोधन में कहा कि “आईसीएआई सदस्यों को अद्यतन एवं प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। आज का आयोजन भी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वक्ताओं के ज्ञानवर्धक विचार और सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सराहनीय रही।”
शाखा उपाध्यक्ष सीए दिनेश सुथार ने बताया कि कार्यशाला के प्रथम सत्र का विषय था “इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से संबंधित हालिया वाद-विवाद”, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में सीए अर्पित हल्दिया (जोधपुर) ने जीएसटी कानून में हाल के न्यायिक निर्णयों, विभागीय नोटिसों और उनके व्यावहारिक प्रभावों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने वास्तविक व्यावसायिक उदाहरणों के माध्यम से करदाताओं द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और उनके समाधान की दिशा में उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए।
उन्होंने बताया कि नोटिस में विभाग को कानूनी प्रावधान तथा करदाता द्वारा उनकी अवहेलना का स्पष्ट रूप से संदर्भ देना आवश्यक है। सिर्फ सामान्य विवरण से जारी किया गया नोटिस मान्य नहीं होता है। साथ हि बताया कि यदि विभाग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से एक्ट के प्रावधानों कोई बदलाव सूचित किया जाता है तो वह तब तक वैध नहीं होगा जबतक वह नोटिफिकेशन या एक्ट में संशोधित नहीं कर दिया जाता
द्वितीय सत्र का विषय था “भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए विदेशी आउटसोर्सिंग के अवसर”, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली से पधारे सीए गौरव अग्रवाल (रीजनल काउंसिल सदस्य, उत्तरी क्षेत्र, नई दिल्ली) ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए विदेशों में सेवाएँ प्रदान करने की असीम संभावनाएँ हैं। गौरव अग्रवाल ने न केवल इन अवसरों के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला, बल्कि इन अवसरों को कैसे पहचाना जाए, उन तक पहुँचा जाए और विदेशी बाजारों को कैसे समझा व एक्सप्लोर किया जाए, इस पर भी व्यावहारिक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, नेटवर्किंग चैनल्स, और तकनीकी उपकरणों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेवाएँ बढ़ाने के ठोस उपाय साझा किए।
कार्यक्रम का संचालन शाखा सचिव अक्षय सोडानी ने किया एवं बताया कि कार्यशाला में सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष सीए अशोक मंगल, टैक्स बार एसोसिएशन भीलवाड़ा के अध्यक्ष सीए अमित सेठ, आई.सी.ए.आई भीलवाडा के पूर्व अध्यक्ष सीए अतुल सोमानी, अरुण काबरा एवं सीए प्रदीप बंसल, अशोक बोहरा, पुनीत कुमार मेहता, पुलकित राठी, नरेंद्र सिंह पोखरना, रामेश्वर लाल बिरला, अनिल काबरा सहित लगभग 100 से अधिक सीए सदस्य उपस्थित थे |
शाखा कोषाध्यक्ष सीए सत्यनारायण लाठी ने बताया कि कार्यशाला के उपरांत सायं 7:30 बजे रोडवेज बस स्टैंड के पास स्थित एक वाटिका में दीपावली स्नेह मिलन समारोह एवं रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिसमें सदस्य अपने परिवारों सहित सम्मिलित हुए । जिसमे स्नेह भोज के साथ विभिन्न खेलों द्वारा मनोरंजन किया |
