युवक ने मार्केटिंग कंपनी कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर लगाए मारपीट व जातिगत अत्याचार के गंभीर आरोप

भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिले के कालूखेड़ा निवासी जीवन पुत्र हरिराम ने जिला पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना-पत्र देकर मार्केटिंग कंपनी के कर्मचारियों एवं प्रतापनगर थाने के पुलिसकर्मियों पर मारपीट, जातिगत गालियां देने, फर्जी आरोप लगाने और धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
जीवन के अनुसार, 28 नवंबर की सुबह लगभग 8:30 बजे वह मीरा सर्कल स्थित एक मार्केटिंग कंपनी में परिचित महिला के साथ साक्षात्कार देने गया था। जीवन का कहना है कि काम पसंद न आने पर उसने इसे करने से मना कर दिया, जिस पर कंपनी के एक अधिकारी ने उस पर 500 रुपये चोरी करने का झूठा आरोप लगाया और दो पुरुष व तीन महिलाओं के साथ मिलकर उसे जातिगत गालियां दी तथा मारपीट की।
पीड़ित ने बताया कि उसने कई बार 100 नंबर पर कॉल किया, जहां से उसे थाने जाकर रिपोर्ट देने को कहा गया। इसी दौरान प्रतापनगर थाना पुलिस की चेतक गाड़ी मौके पर पहुँची। आरोप है कि चेतक के पुलिसकर्मी भंवरलाल ने बिना कोई बात सुने उसे थप्पड़ मारे और जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर थाने ले गए।
थाने में मौजूद कई पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट, बाल खींचने, पट्टे से वार करने और पेट व शरीर पर घूंसे-लातें मारने का आरोप भी लगाया गया है। जीवन का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उसे जबरन माफी मांगने के लिए मजबूर किया तथा जातिगत शब्दों से अपमानित किया।
परिवादी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने धमकी दी कि यदि उसने शिकायत की तो उसे झूठे छेड़छाड़ या दुष्कर्म के मामले में फंसा दिया जाएगा। साथ ही उससे जबरदस्ती खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए जिनके दुरुपयोग की आशंका व्यक्त की गई है।
मारपीट के दौरान जीवन को कंधे, पेट, कमर, घुटने और पैर में चोटें आई हैं, जिनका मेडिकल करवाने की मांग भी प्रार्थना-पत्र में की गई है।
पीड़ित ने एसपी भीलवाड़ा से कंपनी कर्मचारियों और प्रतापनगर थाने के संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई, साथ ही अपनी जान-माल की सुरक्षा की मांग की है।
इस प्रकरण की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, एससी-एसटी आयोग, आईजी रेंज, गृहमंत्री सहित विभिन्न उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई है।
