पहुंचे कलेक्ट्रेट ,लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई या तो हमारी मांग पूरी होगी या फिर लाश उठेगी बोले धीरज

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भीलवाड़ा । (हलचल)। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने शुक्रवार को प्रशासन को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि जन अधिकार आंदोलन के तहत उठाए गए पांचों मुद्दों पर ठोस जवाब तैयार रखे। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की आवाज़ अनसुनी की गई तो हजारों किसान कलेक्ट्री के बाहर ही रात गुजारने को मजबूर होंगे।धीरज गुर्जर ने कहा कि कलेक्ट्रेट पर आर-पार की लड़ाई लड़ने जा रहे है। या तो हमारी मांग पूरी होगी या फिर लाश उठेगी।





जनसभा के बाद शाम करीब 4:30 बजे रैली की शुरुआत हुई। इस रैली में धीरज गुर्जर, प्रताप सिंह खाचरियावास और प्रहलाद गुंजल समेत अन्य कांग्रेस नेता बैलगाड़ी में सवार होकर निकले।

धीरज गुर्जर ने कहा कि कलेक्ट्रेट पर आर-पार की लड़ाई लड़ने जा रहे है। या तो हमारी मांग पूरी होगी या फिर लाश उठेगी।


बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंचे कलेक्टर

गुर्जर अपने हजारों समर्थकों के साथ **बैलगाड़ी पर सवार होकर** जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस अनोखे अंदाज ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया और यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा।

### मंच से प्रशासन को दी चेतावनी

कलेक्ट्री परिसर में बनाए गए मंच से धीरज गुर्जर ने प्रशासन को संबोधित करते हुए कहा कि यदि किसानों की पांचों प्रमुख मांगों का जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र होगा। उन्होंने कहा कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो किसान रात भी कलेक्ट्री के बाहर ही बिताने को मजबूर होंगे।

पांच प्रमुख मांगें:

1. बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा – किसानों को शीघ्र और पर्याप्त राहत पैकेज दिया जाए।

2. कर्ज माफी – छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज पूरी तरह माफ हों।

3. सिंचाई व पेयजल की व्यवस्था – जिले में सूखे हालात को देखते हुए तुरंत इंतजाम किए जाएं।

4. बिजली संकट का समाधान – किसानों को निर्बाध और पर्याप्त बिजली आपूर्ति मिले।

5. रोज़गार व समर्थन मूल्य गारंटी – युवाओं को रोजगार और किसानों को फसलों का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जाए।

गुर्जर ने कहा कि प्रशासन और सरकार को चाहिए कि समय रहते किसानों की इन जायज़ मांगों को स्वीकार कर समाधान करें। उन्होंने साफ कहा कि यह आंदोलन सिर्फ भीलवाड़ा का नहीं बल्कि प्रदेशभर के किसानों की आवाज़ है।




सभा में जिलेभर से 8 से 10 हजार किसान व समर्थक जुटे। गुर्जर के नेतृत्व में यह भी तय हुआ कि अगर समाधान नहीं मिला तो किसान कलेक्ट्री के बाहर रातभर धरना देंगे और आंदोलन को और तेज किया जाएगअतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए भारी नुकसान के बाद किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने ''फसल मुआवजा जन अधिकार आंदोलन'' शुरू किया। इस आंदोलन के तहत कांग्रेस नेताओं ने किसानों की खराब फसलें मंच पर लाकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। शहर के खटीक छात्रावास में ये आयोजन हो रहा है। यहां बड़ी संख्या में किसान और कांग्रेस नेता मौजूद है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व मंत्री धीरज गुर्जर ने मंच से खराब मक्का की फसल दिखाते हुए कहा कि भीलवाड़ा के किसानों की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश से किसानों की फसलें पूरी तरह गल गई हैं, लेकिन सरकार अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।

गुर्जर ने आरोप लगाया कि किसानों को न तो बीज का मूल्य मिल पाया और न ही उनकी लागत निकल रही है। उन्होंने भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, जबकि किसानों को पिछले वर्ष के खराबे का मुआवजा तक नहीं मिला है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक भेदभाव के तहत कांग्रेस से जुड़े किसानों के साथ अन्याय कर रही है। आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और उन्होंने अपनी समस्याएं रखीं।

किसानों ने बताया कि पिछले कई दिनों से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे मक्का समेत कई फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं।

कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने मंच से कहा, "पूरे राजस्थान में फसलें बर्बाद हुई हैं, लेकिन भीलवाड़ा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां न लोगों के पेट में दाना है, न ही पशुओं के लिए चारा।"




गुर्जर ने मांग की कि पिछले साल का 80 करोड़ रुपये का मुआवजा तुरंत जारी किया जाए और इस साल का मुआवजा समय पर किसानों तक पहुंचे। इसके साथ ही उन्होंने स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाने और पंचायत गठन में हुए भेदभाव को खत्म करने की मांग भी की।

विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता जली हुई फसलें मंच पर लेकर पहुंचे, जिससे किसानों की स्थिति को दर्शाया गया। धीरज गुर्जर ने जली फसलें दिखाते हुए कहा, "यह भीलवाड़ा की हकीकत है, सरकार को आंख खोलनी चाहिए।

"अब रण होगा, संग्राम भीषण होगा : खाचरियावास

राजस्थान की सियासत में शुक्रवार को बिगुल बजा। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंच से हुंकार भरते हुए कहा— “सीएम सुन लो, पूरे राजस्थान में चर्चा है। भीलवाड़ा में नाम भले धीरज हो, लेकिन काम बिजली की रफ्तार से हो रहा है। याचना का वक्त खत्म, अब रण होगा। संग्राम इतना भीषण होगा कि जीवन जाए या मरण, लड़ाई रुकेगी नहीं।”

खाचरियावास यहीं नहीं रुके। पुलिस और सत्ता पर सीधा हमला बोलते हुए कहा— “मैं पुलिस से नहीं डरता। न बीजेपी के जुल्म से और न तुम्हारी 56 इंच की छाती से। तुम्हारे पास बंदूक है तो हमारे पास भी AK-47 का हौसला है।”

उन्होंने बीजेपी पर सीधा वार करते हुए कहा कि राहुल गांधी इस वक्त हिंदुस्तान की आवाज़ बनकर खड़े हैं और यह लड़ाई अब “हिंदुस्तान बनाम बीजेपी” की है।

उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा— “हमने दवाई फ्री की, इन्होंने महंगी कर दी। गोविंद देवजी के 100 करोड़ रुपए माधुरी-आलिया के डांस और शाहरुख को दिखाने में उड़ा दिए। दो-दो दिन तक चिकन, मटन और दारू की पार्टी चली। यहां दो साल में सिर्फ बेईमानी का काम ईमानदारी से हुआ है। किसान को मुआवजे के नाम पर एक रुपया तक नहीं दिया गया।”

गुंजल बोले- किसानों के सपनों का कत्ल

सभा में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी गरजे। उन्होंने कहा— “राजस्थान की धरती पर किसानों के सपनों का खून हो गया है। सरकार ने संवेदनाएं खो दी हैं। पीएम का जन्मदिन मनाने और जश्न मनाने में मशगूल लोग, किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। अगर दम है तो सीएम और पीएम से कहलवाओ कि हर इंच खराबे का मुआवजा दिया जाएगा।”

मीणा बोले- अच्छे दिन नहीं, बुरे दिन आ रहे हैं

पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने सरकार को जुमलों की सरकार बताया। बोले— “अच्छे दिन का ढिंढोरा पीटने वाले अब बुरे दिन लेकर आए हैं। वोट चोरी कर सत्ता पर काबिज सरकार है। एक-एक घर में सैकड़ों फर्जी वोट पकड़े जा रहे हैं।”

कार्यक्रम में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता शामिल हुए ज‍िनमें झालावाड़ विधायक सुरेश, सांसद प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा जिलाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी मौजूद रहे। नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो कलेक्ट्रेट जाकर आंदोलन तेज किया जाएगा।

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