रीको क्षेत्र में कंपनियों के वेस्टेज से गौ मृत्यु की बढ़ती घटनाएँ, प्रशासन से कड़े कदम उठाने की अपील

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भीलवाड़ा। रीको औद्योगिक क्षेत्र में कंपनियों द्वारा फेंके जा रहे औद्योगिक वेस्टेज ने एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। थर्ड फेस के तीन नंबर चौराहे के आसपास हुई घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। ग्रामीणों और आसपास के लोगों का आरोप है कि कई कंपनियां अपना रासायनिक और अन्य प्रकार का वेस्ट खुले में फेंक देती हैं, जिसे आवारा घूमने वाली गायें खा लेती हैं और उनकी मौत हो जाती है। यह समस्या लगातार गंभीर रूप लेती जा रही है और अब स्थानीय लोग प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी आठ गायें औद्योगिक वेस्टेज खाकर मर गईं। उसकी मांग है कि रीको क्षेत्र की कंपनियों को यह सख्ती से बताया जाए कि वे अपना वेस्टेज खुले में न डालें। उसका कहना है कि यह सिर्फ उसकी समस्या नहीं है बल्कि पूरे क्षेत्र में घूमने वाले पशुओं की जान से जुड़ा हुआ मामला है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि रीको थर्ड फेस और आसपास की कई इकाइयां नियमित रूप से अपना कचरा, रसायन और अन्य अवशेष बाहर खुले में फेंक देती हैं। ये अवशेष देखने में सामान्य कचरे जैसे होते हैं, जिसकी वजह से जानवर उन्हें खाने लगते हैं। कई बार इन वेस्टेज में प्लास्टिक, रासायनिक अवशेष और जहरीले पदार्थ भी पाए जाते हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, प्रशासन की अनदेखी और कंपनियों की लापरवाही के कारण यह समस्या हर महीने बढ़ती जा रही है।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि वे कई बार कंपनियों से यह मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों की मांग है कि कंपनियों को सख्त निर्देश दिए जाएं कि वे अपना वेस्टेज खुले में न डालकर निर्धारित स्थानों पर ही निस्तारित करें। इसके अलावा, यदि वेस्टेज जलाने की आवश्यकता हो, तो इसे औद्योगिक मानकों के अनुसार सुरक्षित तरीके से जलाया जाए, ताकि किसी प्रकार का पर्यावरणीय खतरा भी न उत्पन्न हो।

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि रीको क्षेत्र में बढ़ते औद्योगिक विस्तार के साथ पर्यावरण सुरक्षा और पशु संरक्षण की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। यदि कंपनियां अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगी तो आने वाले समय में पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याएं और अधिक गंभीर रूप ले लेंगी।

लोगों का यह भी कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ पशुओं की मौत तक सीमित नहीं है। खुले में फेंका गया वेस्टेज जमीन और पानी को भी प्रदूषित कर रहा है, जिसका असर आस-पास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। क्षेत्र में कई जगहों पर वेस्टेज के ढेर जमा रहते हैं, जिनसे दुर्गंध फैलती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

स्थानीय नागरिकों ने मिलकर जल्द से जल्द रीको प्रबंधन, प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है। उनका कहना है कि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और अधिक विकराल रूप ले सकती है।

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