मासूम बच्ची ने रखा पहला रोजा
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भीलवाड़ा | रमजान के पवित्र महीने में छोटे बड़े सभी मुसलमान रोज़ा रखकर इबादत कर रहे हैं वहीं गांधी नगर निवासी रफीक सिलावट की पोती एवं निसार सिलावट की 7 साल की मासूम बालिका निखत जबी सिलावट पिता ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा तो परिवार जनों में खुशी का माहौल बन गया । एक 7 साल के बच्ची ने अपने परिवार और समाज को यह संदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार गांधीनगर निवासी निसार सिलावट की पुत्री निखत जबी सिलावट ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा और दिनभर खुदा की राह में इबादत कर अल्लाह ताला से सब की तरक्की के लिए दुआ मांगी।
यह कहा जाता है कि माहे रमजान में रोजा, जकात और खैरात के जरिए एक दूसरे की मदद की जाती है और रोजदार 30 दिन के बाद ईद उल फितर का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं ।रमजान के पवित्र महीने में छोटे बड़े सभी मुसलमान रोज़ा रखकर इबादत कर रहे हैं वहीं गांधी नगर निवासी रफीक सिलावट की पोती एवं निसार सिलावट की 7 साल की मासूम बालिका निखत जबी सिलावट पिता ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा तो परिवार जनों में खुशी का माहौल बन गया । एक 7 साल के बच्ची ने अपने परिवार और समाज को यह संदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार गांधीनगर निवासी निसार सिलावट की पुत्री निखत जबी सिलावट ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा और दिनभर खुदा की राह में इबादत कर अल्लाह ताला से सब की तरक्की के लिए दुआ मांगी।
यह कहा जाता है कि माहे रमजान में रोजा, जकात और खैरात के जरिए एक दूसरे की मदद की जाती है और रोजदार 30 दिन के बाद ईद उल फितर का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं ।