12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन जरुरी, हर एक का अलग महत्व - स्वामी अच्युतानंद

12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन जरुरी, हर एक का अलग महत्व - स्वामी अच्युतानंद
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भीलवाड़ा । श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट द्वारा हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में आयोजित चातुर्मास प्रवचन में सोमवार को केदारखण्ड, अगस्त्य मुनि आश्रम से पधारे स्वामी अच्युतानंद ने कहा कि 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से भक्तों को कई पुण्य व लाभ अर्जित होते है। केदारनाथ-व्यक्ति को मुक्ति की प्राप्ति होती है। महाकालेश्वर- सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है। वैद्यनाथ-किसी प्रकार के रोग दोषों नहीं रहते। विश्वनाथ-सभी प्रकार के कर्मों से मुक्ति मिलती है। त्रयम्बकेश्वर- सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सोमनाथ- धन और शांति की प्राप्ति होती है। घुश्मेश्वर-व्यक्ति को समृद्धि की प्राप्ति होती है। रामेश्वर- मनुष्य को मरणोपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मल्लिकार्जुन- सभी तरह के बुरे रूपों से मुक्त हो जाता है।भीमाशंकर- कार्य में विजय प्राप्त होती है।ओंकारेश्वर- शांति की अनुभूमि होती है।

नागेश्वर- सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और सभी ने मौन से प्रवचन श्रवण कर अपने भीतर आत्मचिंतन की अलख जगाई।कार्यक्रम के अंत में भजन एवं राम नाम संकीर्तन हुआ। सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि चातुर्मास प्रवचन का यह आध्यात्मिक आयोजन प्रतिदिन सुबह 9 बजे से रामधाम में हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित होकर धर्मलाभ ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, श्रावण मास के पावन अवसर पर शिवालय में भी विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। पंडित सुशील शुक्ला, पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू आचार्य सहित अन्य विद्वान पंडितों के मंत्रोचार के बीच प्रतिदिन सुबह और शाम भगवान शिव का अभिषेक और श्रृंगार किया जा रहा है, जिससे रामधाम का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। सोमवार को राजेंद्र काबरा, गोपाल लाल व रघु सोडानी ने अभिषेक किया। लापसी का कार्यक्रम श्यामसुंदर मुंदड़ा की ओर से रहा। प्रसाद कन्हैया लाल राठी ने वितरित किया। स्वामीजी का माल्यार्पण जगदीश भदादा एवं कन्हैया लाल मूंदड़ा द्वारा किया गया। ट्रस्ट प्रवक्ता गोविंद सोडानी ने श्रद्धालुओं से इस भक्ति पर्व में अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने का आह्वान किया।

तुलसीदास जयंती की तैयारियां जोरों पर

उधर ट्रस्ट की ओर से आगामी 31 जुलाई को आने वाली तुलसीदास जयंती को लेकर तैयारी चल रही है। प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि 29 जुलाई सुबह 10 बजे रामायण अन्ताक्षरी, 30 जुलाई सुबह 10.30 बजे रामचरितमानस अखंड पाठ आरंभ होगा। 31 जुलाई सुबह 7.30 बजे पाठ की पूर्णाहुति होगी। 31 जुलाई सुबह 9 से 10.30 बजे तक संत समागम होगा। संत रामदास रामायणी, परिव्राजाचार्य स्वामी अच्युतानंद (केदारखंड) वेदांताचार्य संत ज्ञानानंद (हरिद्वार) शामिल होंगे।

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