भीलवाड़ा में सब्जियों की महंगाई से रसोई का बजट डगमगा गया

भीलवाड़ा में सब्जियों की महंगाई से रसोई का बजट डगमगा गया
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सर्दी के मौसम की दस्तक के साथ ही भीलवाड़ा की मंडियों में सीजनल सब्जियों की आवक शुरू हो गई है, लेकिन बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की थाली से ताजगी का स्वाद छीन लिया है। सब्जियों के दाम इस कदर बढ़ गए हैं कि कई जगह फलों से भी महंगी बिक रही हैं। खासकर हरे मटर के दामों ने तो सबको हैरान कर दिया है।

मटर बना सबसे महंगा हरा अनाज

मंडी में मटर 400 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है, जो कई प्रीमियम फलों से चार गुना महंगा है। प्याज, टमाटर, आलू और भिंडी जैसी रोजमर्रा की सब्जियों के दामों में भी लगातार इजाफा देखा जा रहा है। बीते दिनों हुई बारिश के कारण खेतों में फसल को नुकसान पहुंचा, जिससे सब्जियों की आपूर्ति कम और गुणवत्ता पर असर पड़ा है।

आपूर्ति बढ़ने पर राहत की उम्मीद

सब्जी व्यापारियों का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह से नई फसल की आवक बढ़ने की संभावना है। इससे टमाटर, मटर, गाजर, मूली और हरी मिर्च जैसी सब्जियों के दामों में 20 से 30 प्रतिशत तक गिरावट आने की उम्मीद है। हालांकि उपभोक्ताओं को कम से कम दस से पंद्रह दिन तक महंगाई का बोझ उठाना पड़ेगा।

फिलहाल हालात यह हैं कि सर्दी की शुरुआत में भी आम परिवारों की रसोई महंगाई की मार झेल रही है और ताजे मटर का स्वाद थालियों से गायब है।

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