महामंगलकारी अनुष्ठान के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर को

महामंगलकारी अनुष्ठान के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर को
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भीलवाड़ा, । भगवान महावीर का सिद्धांत कर्मवादी है। जैसे बीज बोएंगे वैसे फल प्राप्त होंगे उसी तरह जैसे कर्म किए वैसे ही भुगतने पड़ेंगे। हंसते हंसते कर्म बांध लेते है लेकिन जब वह उदय में आते है तो रो-रो कर भुगतना पड़ता है परमात्मा भी हमे उससे नहीं बचा सकता। कर्म बांधना आसान लेकिन भुगतना बहुत कठिन होता है। कर्मो के लिए दोष किसी अन्य को देने की बजाय समभाव से सहन करने का प्रयास करे। समभाव रखने पर जीवात्मा महावीर व राम बन सकती। ये विचार अनुष्ठान आराधिका ज्योतिष चन्द्रिका महासाध्वी डॉ. कुमुदलताजी म.सा. ने आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा सुभाषनगर संघ के तत्वावधान में दिवाकर कमला दरबार में शनिवार को धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने शनिवार के महत्व ओर इससे जुड़ी राशि मकर व कुंभ पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा करते हुए कहा कि शनि न्याय का देवता होने के साथ जीवन में स्थिरता व सुख शांति प्रदान करता है। शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है। शनि की दशा आए तो घबराए नहीं धर्म की साधना करते रहे। दान,शील, तप ओर भावना से पुण्य प्रबल होता है ओर जोर का झटका भी धीरे से लगता है। मकर राशि वाले जीवन में भागदौड़ करते हुए कभी नहीं थकते ओर घोड़े की तरह जीवन में दौड़ते रहते है। कुंभ राशि वाले स्वभाव से सहज व सरल होते है। धर्मसभा में स्वर साम्राज्ञी महासाध्वी महाप्रज्ञाजी म.सा.ने तीर्थंकर मुनिसुव्रत स्वामी की प्रार्थना कराने के साथ प्रेरणादायी भजनों प्रस्तुति दी। धर्मसभा में वास्तुशिल्पी पद्मकीर्तिजी म.सा. ने कहा कि परमात्मा की वाणी याद रखेंगे तो सुख की प्राप्ति होगी। धर्मसभा में निम्बाहेड़ा, कोटा आदि स्थानों से श्रीसंघ साध्वी मण्डल के दर्शन व धर्मलाभा पाने के लिए पहुंचे थे। निम्बाहेड़ा श्रीसंघ के अध्यक्ष विजयकुमार मारू, श्रीमती रोशनदेवी मारू, चित्तौड़गढ़ से अशोक मेहता, बसंतीलाल मेहता, गौतम डांगी, कोटा श्रीसंघ के ताराचंद जैन, धर्मेन्द्र जैन, इंचलकरणजी से भरत कटारिया, हिम्मतनगर से अजीत जैन, दलौदा से मुकेश जैन, महाराष्ट्र में लोनी से दीपक सरनोत आदि अतिथियों का स्वागत सम्मान आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति के अध्यक्ष दौलतमल भड़कत्या, सुभाषनगर श्रीसंघ के अध्यक्ष हेमन्त कोठारी, सुनील सुराणा, मदनलाल सिपानी, बंशीलाल बोहरा, दिनेश डांगी, अशोक बोथरा, महिला मण्डल की निर्मला भड़कत्या, टीना बापना आदि ने किया। संचालन चातुर्मास समिति के अनिलकुमार कोठारी ने किया। वास्तुशिल्पी साध्वी पद्मकीर्तिजी म.सा. के सानिध्य में शनिवार दोपहर महिलाओं के लिए प्रश्नमंच का आयोजन किया गया। प्रश्नमंच में वीणा बुलिया व रोमा मेहता प्रथम, भिक्षुदेवी संचेती व सोनाली सिसोदिया द्वितीय एवं हेमा डूंगरवाल व अनिता नन्दावत तृतीय स्थान पर रहे। चातुर्मास के तहत राष्ट्रीय महामंगलकारी अनुष्ठान समिति द्वारा आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में 21 सितम्बर को विश्व शांति व खुशहाली की कामना से भगवान श्री अरिष्टनेमी श्री पार्श्वनाथ महामंगलकारी अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। अनुष्ठान के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन पंजीयन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर है। भीलवाड़ा के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं पंजीयन करा चुके है। आरसी व्यास कॉलोनी में गेट न.33 के पास स्कूल के नजदीक ग्राउण्ड में होने वाले अनुष्ठान 21 सितम्बर सुबह 6.15 बजे से प्रारंभ होकर 22 सितम्बर सुबह 7.45 बजे सम्पन्न होंगा। इस दौरान अनुष्ठान में भाग लेने वाले श्रावक श्राविका को तीर्थंकर अरिष्टनेमी भगवान की 180 माला एवं तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान की 100 माला फेरनी होगी।

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