तेंदुआ 14 दिनों बाद पिंजरे में हुआ कैद

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आसींद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के अधीन बंद पड़ी फैक्ट्री में गत 17 फरवरी को तेंदूआ होने की जानकारी चौकीदार नानूराम कुमावत को मिली, जिस पर वन विभाग को सूचित किया गया।

आसींद रेंज के 15 वन विभाग कर्मी ने बंद पड़ी फैक्ट्री में तीन पिंजरे लगाए व सीसीटीवी कैमरे लगाए ।

तेंदुआ होने की पुख्ता फुटेज प्राप्त होने पर वन विभाग कर्मियों को आज 14 दिन बाद पैंथर के पिंजरे में आने की सफलता मिली।

14 दिन तक वन विभाग ने पिंजरे में कुत्ते, मोर ,मुर्गा रखकर पैंथर आने का इंतजार किया।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार फैक्ट्री के अंदर ही बने पानी के टांके से तेंदुआ पानी पी रहा था, व फैक्ट्री के अंदर गिलहरियों का शिकार कर जीवन यापन कर रहा था।

आज पिंजरे में कैद हुए पैंथर को टाटगढ़, अरावली क्षेत्र के जंगलों में ले जाने के लिए वन विभाग कर्मी रवाना हुए।

वन विभाग कर्मियों ने बताया कि पैंथर को बिना ट्रॅकुलाइजर व बिना नुकसान पहुंचा हुए पिंजरे में कैद किया गया है।

कैद हुए तेंदुए की उम्र 5 साल बताई है।

इस दौरान वनपाल समीर कुमार, प्रभु लाल चौधरी वनरक्षक, गौरव गर्ग उपवन संरक्षक, सहायक वन संरक्षक मोना चौधरी, राजेंद्र सिंह रावत रेंजर, अशोक टेलर, हरकरण, अंकिता चौधरी, हेमेंद्र, रेखा, हरविंदर, गजानन, भेरूलाल, हरजीराम इत्यादि वनकर्मी मौजूद थे।

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