36घंटे से बारिश से भीलवाड़ा में जनजीवन अस्त-व्यस्त, खेतों में पानी लबालब — सर्द हवाओं से बढ़ी ठिठुरन

भीलवाड़ा हलचल। भीलवाड़ा जिले में पिछले 36 घंटों से जारी लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। रविवार देर रात एक बजे से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला मंगलवार तक थमने का नाम नहीं ले रहा। कहीं तेज़, तो कहीं रिमझिम बरसात के दौर के बीच शहर और ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर जलभराव हो गया है। निचले इलाकों और खड्डों में पानी भरने से लोगों की आवाजाही भी बाधित हो रही है।

**सड़कों पर जलभराव, खेतों में खुशी की लहर**

लगातार हुई वर्षा से शहर की मुख्य सड़कों, गलियों और बाजारों में पानी भर गया है। कई जगह सड़कें तालाब जैसी नजर आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरों पर राहत के भाव हैं। खेतों में पर्याप्त नमी आने से अब बोहनी (बुवाई) के लिए बारिश की जरूरत नहीं रही। जमीन में नमी जम गई है जिससे रबी फसलों की तैयारी में किसानों को सहूलियत मिलेगी।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात का असर*

मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण राजस्थान के दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। इसका असर मंगलवार को भी भीलवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, कोटा और बांसवाड़ा जिलों में देखा गया, जहां दिनभर रुक-रुक कर वर्षा का दौर चलता रहा।

कामकाज पर असर, दिहाड़ी मजदूरों की मुश्किलें बढ़ीं

लगातार बारिश से शहर की दैनिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। दिहाड़ी मजदूरों को भीगते हुए काम पर जाना पड़ा, जबकि स्कूली छात्रों को भी छातों और बरसाती में संघर्ष करते हुए स्कूल पहुंचना पड़ा। सोमवार रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक कई इलाकों में हल्की बारिश जारी रही। लगातार नमी के कारण कई पुराने मकानों की छतों से पानी टपकने की शिकायतें भी मिली हैं।

बांधों में बढ़ी पानी की आवक, खुले गेट

दो दिन से जारी वर्षा के चलते जिले और आसपास के बांधों में पानी की आवक बढ़ गई है। उदयपुर के उदयसागर बांध और कोटा बैराज के गेट खोलकर अतिरिक्त पानी की निकासी की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में नदी-नालों में भी पानी का बहाव तेज हो गया है।

सर्द हवाओं से बढ़ी ठिठुरन, तापमान में गिरावट

मौसम के इस बदलाव ने सर्दी का एहसास भी बढ़ा दिया है। 36 घंटे से जारी बारिश, बादल और ठंडी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दिनभर धूप न निकलने से लोगों को ठंड का अहसास हुआ और कई जगहों पर लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं।

किसानों को हुआ नुकसान

जहां एक ओर यह बारिश खेतों में नमी लाने के कारण लाभदायक साबित हो रही है, वहीं दूसरी ओर पहले से कटी हुई फसलों को नुकसान भी पहुंचा है। खेतों में रखी फसलें भीगने से खराब होने लगी हैं।

मौसम विभाग के अनुसार बारिश का यह सिलसिला 30 अक्टूबर तक जारी रह सकता है**, इसके बाद आसमान साफ होने और ठंड में और बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है।


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