महात्मा गांधी अस्पताल उजाड़ की ओर, झूले नदारद, शराबियों व समाज कंटकों का बन रहा है अड्डा
भीलवाड़ा (विजय/सम्पत) । महात्मा गांधी अस्पताल परिसर स्थित पार्क दिन प्रतिदिन उजाड़ होने के साथ ही असामाजिक तत्वों और शराबियों का अड्डा बनता जा रहा है। पार्क में पौधे नष्ट हो रहे है। टाइलें टूटी पड़ी है और पहले लगाए गए लाखों रुपए के झूले लापरवाही की भेंट चढ चुके है।
शहर के बीच स्थित महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में गांधी पार्क की देखरेख की ओर जिम्मेदार लापरवाह बने हुए है। इसी का परिणाम है कि पार्क के फुटपाथ की टाइलें टूटी पड़ी है। पौधे उखड़ रहे है। यही नहीं इस पार्क में पहले बच्चों के लिए बड़े झूले भी थे लेकिन देखरेख और लापरवाही के चलते वे झूले धीरे धीरे कबाड़ में बदल गए और अब तो उनका नामोनिशान भी नहीं बचा है।
इस पार्क में मरीजों के परिजन और अन्य लोगों को कुछ राहत मिलती है लेकिन देखरेख के अभाव में घास अस्त व्यस्त है, बैठने की व्यवस्था ठीक नहीं है और सांझ ढलते ही यहां शराबियों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है। पार्क में आस पास क्षेत्र के युवा विभिन्न खेलकूद की गतिविधियां संचालित करते है जिससे पार्क में लगी लाईटे और उपकरणों को भी क्षति पहुंचती है।
पार्क में बैठक एक मरीज के परिजन का कहना है कि इस पार्क में न तो लघुशंका की कोई व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की माकूल व्यवस्था है। ऐसे में मरीजों के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं कुछ ऐसे युवक युवतियों का भी यहां जमावड़ा लगता है जो अवांछनीय गतिविधियों में लिप्त होते है।