कृषि वैज्ञानिको की सिफारिश के अनुसार ही उर्वरक प्रयोग करे- डा. राठौड़

कृषि वैज्ञानिको की सिफारिश के अनुसार ही उर्वरक प्रयोग करे- डा. राठौड़
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भीलवाड़ा/ माण्डल। उपखण्ड क्षेत्र माण्डल के ग्राम पंचायत बागौर में कृषि विभाग के आत्मा योजनान्तर्गत रबी सीजन पूर्व कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कृषकों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी दी गई,

कृषक गोष्ठी में सहायक निदेशक डा. धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि अधिक उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तकनीक आवश्यक है, अंधाधुन्ध उर्वरक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा क्षमता कमजोर होती है, अतः किसान अपनी मृदा की जांच प्रयोगशाला में कराये एवं कृषि वैज्ञानिको की सिफारिश के अनुसार ही उर्वरक प्रयोग करें, मिट्टी एवं पानी की जांच मात्र 5 रुपये शुल्क निर्धारित है कृषि विभाग की कई प्रकार की योजनाएं हैं जिनका किसान ऑनलाइन आवेदन कर लाभ उठा सकते हैं, उप परियोजना निदेशक आत्मा मीना कुमारी ने कहा कि आत्मा योजना कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधान कार्य को कृषको तक पहुँचाना है, आत्मा योजना के तहत राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, जिसके लिए कृषक वैज्ञानिको द्वारा किये गये शोध व तकनीक को अपने खेतो पर अपनाकर उत्पादन बढा सकते है, कृषि अधिकारी उद्यान मीरा सुथार नें बगीचा स्थापना, प्याज भण्डारण, सौरऊर्जा, लो टनल पर विस्तार से प्रकाश डाला, कृषि प्रिंयका पारीक ने रबी फसलो में प्रमुख कीट एवं व्याधियों के लक्षण एवं उनके नियन्त्रण पर जानकारी दी। कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने तारबन्दी योजना की पात्रता एवं अनुदान पर जानकारी दी, इस अवसर पर सहायक कृषि अधिकारी रतन लाल शर्मा, कृषि पर्यवेक्षक नीलू कुमारी रैगर, तानिया मीणा, राजेन्द्र सिंह राठौड़, सहित अनेक प्रगतिशील कृषक मौजूद थे।

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