भारी बारिश ने मांडल को किया जलमग्न, सरकारी दफ्तर बना ‘पिकनिक स्पॉट’, PWD कार्यालय पानी में डूबा

मांडल (सोनिया सागर)। राजस्थान के मांडल कस्बे में बीती रात्रि से ही रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। बुधवार की अल सुबह से हुई मूसलधार बारिश ने पूरे क्षेत्र की सूरत ही बदल दी। सड़कों पर दरिया जैसे हालात बन गए तो वहीं नाले उफान पर आ गए। जलभराव के कारण आमजन का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।

बारिश का प्रभाव इतना जबरदस्त रहा कि कई स्थानों पर सरकारी कार्यालय और भवन तालाब की तरह दिखाई देने लगे। कुछ सरकारी दफ्तरों में तो हालात ऐसे रहे कि लोगों ने उन्हें 'पिकनिक स्पॉट' की संज्ञा दे डाली। ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला मांडल-भीलवाड़ा मुख्य मार्ग पर स्थित सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यालय परिसर में। PWD कार्यालय परिसर पूरी तरह से पानी में डूबा नजर आया। हालत यह रही कि विभागीय इमारत टापू जैसी प्रतीत हो रही थी, जहां तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया। विडंबना यह है कि यह वही विभाग है, जिसकी जिम्मेदारी है क्षेत्र में सड़कों, पुलों और सार्वजनिक भवनों का आपदाओं से सुरक्षित निर्माण करना। मगर उसी विभाग की बिल्डिंग जलजमाव के बीच फंसी नजर आई।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बारिश की हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन और संबंधित विभाग तैयार नहीं थे। ग्राम पंचायत और प्रशासन की ओर से नालों की समय पर सफाई नहीं की गई, जिससे पानी का निकास बाधित हुआ और जलभराव की स्थिति बन गई।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

चारभुजा कॉलोनी , महेश कॉलोनी , गांधी कॉलोनी सहित कई कॉलोनियों के हालात बाढ़ में होने जैसे है वही पास ही स्थित मोहल्ले के निवासी सुरेश ने बताया कि, “हर साल यही हाल होता है, लेकिन प्रशासन की नींद बारिश शुरू होने के बाद ही खुलती है। आज तो PWD का दफ्तर ही पानी में डूब गया, फिर आम आदमी की सुनवाई कौन करेगा?”

सवालों के घेरे में सरकारी तंत्र:

इस घटना ने सरकारी तंत्र की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब आपदा पूर्वानुमानों और सुरक्षा मानकों के आधार पर निर्माण करने वाला विभाग ही इस तरह की स्थिति में आ जाए, तो आमजन की सुरक्षा की कल्पना करना कठिन हो जाता है।

आवश्यकता है दीर्घकालिक समाधान की:

जलभराव जैसी समस्याएं अब सालाना संकट बन चुकी हैं। आवश्यकता है कि केवल तात्कालिक व्यवस्थाओं के बजाय दीर्घकालिक समाधान निकाले जाएं, जिसमें ड्रेनेज सिस्टम का सुदृढ़ीकरण, समय पर सफाई, और समुचित योजना के साथ भवन निर्माण हो।

मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और भी बिगड़ सकते हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए यह एक चेतावनी है कि अब समय रहते व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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