मांडल डूबेगा अब अंधेरे में – बिजली फाल्ट पर घंटों रहना पड़ेगा अंधेरे में

मांडल (सोनिया सागर)। मांडल क्षेत्र के लोगों को अब बिजली फाल्ट आने पर लंबे समय तक अंधेरे में रहना पड़ सकता है। वजह है बिजली विभाग की व्यवस्था में आई भारी खामियां। जहां एक ओर फाल्ट आने पर तत्काल सुधार कार्य की आवश्यकता होती है, वहीं दूसरी ओर ठेकेदार के पास अब बिजली सुधारने वाले कर्मचारियों के लिए वाहन ही नहीं हैं।
वाहन की अनुपलब्धता बनी बड़ी समस्या
बिजली सप्लाई में फाल्ट आने की स्थिति में मांडल क्षेत्र में तैनात ठेकेदार के कर्मचारियों के पास वाहन नहीं होने से वे मौके पर पहुंच ही नहीं पा रहे। जानकारी के अनुसार, संध्या कंपनी को बिजली विभाग का ठेका मिला है, लेकिन कंपनी द्वारा दी गई सुविधा न के बराबर है। ठेकेदार ने पहले से मिले कंप्लेन वाहन को भी अब वापस ले लिया है, जिससे विभागीय कर्मचारी केवल कॉल पर ही रह जाते हैं – मौके तक जाना संभव नहीं हो पा रहा।
कर्मचारी उठा नहीं रहे कॉल
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब बिजली गुल होती है और वे संबंधित कर्मचारियों को कॉल करते हैं, तो या तो कॉल उठाया नहीं जाता या फिर "वाहन नहीं है, कैसे आएं?" कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इससे उपभोक्ता परेशान हैं और उन्हें कई-कई घंटे अंधेरे में रहना पड़ता है।
बिजली विभाग का भवन भी जर्जर
बिजली विभाग का मांडल स्थित कार्यालय भवन खुद अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रहा है। दीवारों से प्लास्टर झड़ रहा है, छतें टपक रही हैं और जगह-जगह सीलन के कारण भवन कभी भी हादसे को न्योता दे सकता है। विभागीय लापरवाही न सिर्फ बिजली सप्लाई पर असर डाल रही है, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी खतरा बन चुकी है।
स्थानीय जनता में आक्रोश
क्षेत्रवासियों ने बताया कि आए दिन बिजली फाल्ट की समस्या होती है, लेकिन समाधान के नाम पर विभाग और ठेकेदार दोनों ही एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं।
“अगर ये हालात यूं ही रहे, तो बरसात के मौसम में गांव-शहर लगातार अंधेरे में डूबे रहेंगे,” – एक स्थानीय नागरिक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा।