नाहर सिंहगी माता धाम: आस्था, भक्ति और चमत्कारों का केंद्र
मांडल (भीलवाड़ा)। मांडल के धुलखेड़ा की पहाड़ियों पर स्थित नाहर सिंहगी माता का स्थान आस्था और चमत्कारों का प्रमुख केंद्र माना जाता है। नवरात्रि के अवसर पर यहां प्रतिदिन सप्तशती पाठ, भजन संध्या और गवरी नृत्य जैसे धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।
राष्ट्रीय हिंदू भोज सेना के अध्यक्ष एवं गो भक्त भाजपा नेता गोपाल गुर्जर ने माता के चमत्कारों का व्याख्यान करते हुए बताया कि इस स्थान पर भक्तों का तांता लगा रहता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां शक्ति, भक्ति और आस्था के साथ मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पुजारी ने बताया कि नाहर सिंहगी माता की मूर्ति स्वयं भूमि से प्रकट हुई थी। पहाड़ी के नीचे लगभग 300 मीटर की दूरी पर भेरूनाथ का स्थान भी है, जहां पीढ़ियों से उनके परिवार द्वारा पूजा-अर्चना की जाती रही है। मान्यता है कि पूर्वजों के शरीर में भेरूजी ने प्रवेश कर इस पावन स्थल की पहचान करवाई थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थान अनेकों चमत्कारों का साक्षी है। वर्षों पूर्व जब एक कंपनी द्वारा पहाड़ी को खंडित करने का प्रयास किया गया, तब उसका सामान कबाड़ हो गया। बावजूद इसके आज भी माता का यह धाम सुरक्षित और स्थापित है।
