मांडलगढ़ दुर्ग के इतिहास में जैन धर्म का अनूठा योगदान

मांडलगढ़ दुर्ग के इतिहास में जैन धर्म का अनूठा योगदान

मांडलगढ़ । राजस्थान राज्य के मेवाड़ के अंतर्गत मांडलगढ़ दुर्ग पर स्थित जैन मंदिरों पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ध्वजारोहण एवं स्वामी वात्सल्य समारोह का आयोजन जैन समाज के विख्यात समाजसेवी समाजरत्न दिनेश संचेती 'दिनकर' बीगोद की अध्यक्षता में संपन्न हुआ मुंबई के सेठ सोहनलाल नरेंद्र कुमार सुराणा परिवार द्वारा तथा अमर सिंह धूपिया परिवार ने ध्वजा चढ़ाने एवं मांडलगढ़ निवासी समुद्र सिंह तारा देवी लोढ़ा परिवार द्वारा गौतम प्रसादी का लाभ लिया गया। अगले वर्ष भी वैशाख कृष्णा द्वितीया को आदिनाथ जैन मंदिर में सुराणा परिवार मुंबई के साथ संचेती परिवार बीगोद भी ध्वजा चढ़ाने का लाभ लेगा। नीचे स्थित महावीर स्वामी मंदिर पर ध्वजा की बोली संग्रामसिंह आंचलिया परिवार द्वारा छुड़ाई गई। इसी क्रम में अगले वर्ष संपूर्ण गौतम प्रसादी का लाभ संचेती परिवार बीगोद ने लिया।

किला कमेटी अध्यक्ष सरदारशहर मेहता, उपाध्यक्ष तेज सिंह बुलिया, महामंत्री राजेंद्र कुमार मारू के नेतृत्व में ध्वजारोहण के बाद स्थानीय भोजन शाला परिसर में अभिनंदन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें अध्यक्षीय उद्बोधन में दिनेश संचेती 'दिनकर' ने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा कि मांडलगढ़ दुर्ग की महिमा मेवाड़ में ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत वर्ष में फैली हुई है, जिसमें जैन समाज का प्रारंभ से ही अनूठा योगदान रहा है। स्थानीय समाज के पूर्वजों की निष्ठा की गाथा भी अनूठी है । जैन संत साध्वियों एवं गुरुवरों की यह तपोभूमि रही है। शीतल दास जैन स्थानकवासी परंपरा के साथ मूर्ति पूजक जैनाचार्य जितेंद्र सूरिश्वर जी महाराज एवं आचार्य निपुणरत्न सूरिश्वर जी महाराज के योगदान ने भी यहां के इतिहास में स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ा है। इस परंपरा के निर्वहन में आज भी स्थानीय जैन समाज के अनुयायी एक अनूठी व शानदार भागीदारी का निर्वहन कर रहे हैं । श्री संचेती ने किले के कर्णधारों की विशिष्ट भूमिकाओं का वर्णन करते हुए कहा कि उनके अनुज इंजीनियर सूर्य प्रकाश संचेती ने भी स्थानीय नगर पालिका में अपने कार्यकाल के दौरान सड़क निर्माण सहित अनेकों कार्य करवा कर किले के विकास में जो योगदान दिए, वे हमारे लिए गर्व व गौरव का विषय है।

महामंत्री राजेंद्र कुमार मारू के संयोजन संचालन में हुए इस समारोह में नरेंद्र कुमार सुराणा, जैन दिवाकर विचार मंच की राष्ट्रीय मंत्री स्तंभ लेखिका मधु संचेती, गौतम प्रसादी के लाभार्थी समुद्र सिंह तारा देवी लोढ़ा बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जिनका किला कमेटी द्वारा अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री मधु संचेती ने बताया कि मांडलगढ़ दुर्ग मेरी जन्म भूमि होने की नाते यहां से मेरा गहरा लगाव है, उसी दृष्टि से मेरे संचेती परिवार ने आगामी वर्ष के ध्वजारोहण प्रसंग पर गौतम प्रसादी की घोषणा भी की है , मैं यहां की बेटी और आपकी बहन हूंँ, अतः अगले कार्यक्रम में आप सभी की सामूहिक जिम्मेदारी की अपेक्षा करती हूंँ।

समारोह में समाजसेवी कुशलसिंह रणजीत सिंह बूलिया भीलवाड़ा, लक्ष्मण सिंह पोखरणा भीलवाड़ा, वीरेंद्रसिंह गजेंद्रसिंह चौधरी उदयपुर, महेंद्रकुमार वीरेंद्रकुमार मारू भीलवाड़ा, लखपत सिंह मेहता भीलवाड़ा, तेजसिंह नाहर भीलवाड़ा, भोपाल सिंह बापना बीगोद, पत्रकार दिलीप मेहता, पूर्व पालिका अध्यक्ष राजकुमार आंचलिया, विनोद ओस्तवाल, पालिका अध्यक्ष संजय डांगी, तारा लोढ़ा, अरुणा मारु, मंजू चौधरी, विकास अलका अर्चना संचेती बीगोद, लादू सिंह राजेश राकेश ओस्तवाल, मूलचंद डांगी, सज्जन सिंह मारू, विवेक डांगी, प्रेम सिंह पीपाड़ा, रतन सिंह हिंगड़, विनोद चौधरी भीलवाड़ा, नरेंद्र आंचलिया, महेंद्र सिंह सुनिता लोढ़ा भीलवाड़ा , हिम्मत सिंह बापना भीलवाड़ा,

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