अवैध बजरी पर बड़ी कार्रवाई- सात बजरी भरे ट्रैक्टर खटवा़ड़ा से व दो मांडलगढ़ से पकड़े

खटवाडा । अवैध बजरी परिवहन पर आईपीएस (प्रोबेशनर) जतिन जैन की टीम ने सोमवार प्रातकाल खटवाडा गांव के पास बड़ी कार्रवाई की । जिसकी भनक बिगोद पुलिस को भी नहीं लगने दी । प्रोबेशनर की टीम ने बनास नदी से चोरी छुपे अवैध बजरी भरकर ले जाते सात ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ा है वहीं की ने मांडलगढ़ के पास से दो अवैध बजरी बजरी भरे ट्रैक्टरों को पड़कर मांडलगढ़ थाना परिसर में खड़ा कराया।
प्रोबेशनर जतिन जैन ने बताया कि सोमवार प्रातकाल बिगोद थाना क्षेत्र के खटवाडा गांव के पास से अवैध बजरी भरकर ले जाते सात ट्रैक्टरों को टीम ने पड़कर आगे की कार्रवाई के लिए मांडलगढ़ थाने में खड़ा करवाया है। गौरतलब हैकी भीलवाड़ा एसपी धर्मेंद्र सिंह के निर्देश पर आईपीएस (प्रोबेशनर) जतिन जैन की टीम ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया मौके पर पकड़े गए सभी ट्रैक्टर ड्राइवर भागने की कोशिश की मगर पुलिस की शक्ति के आगे ड्राइवर भागने में कामयाब नहीं हो सके।वही कार्रवाई की भनक लगते ही दर्जनों ट्रैक्टर खटवाड़ा गांव की गलियों में होकर भागने में कामयाब हो गए अचानक हुई पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर क्षेत्र के बजरी माफियाओं में हड़कंप मच गया। -संदेह के घेरे में बिगोद पुलिस लंबे समय से बिगोद थाना क्षेत्र के माली खेड़ा, भारलिया, खटवाड़ा, रानीखेड़ा,बेडच नदी त्रिवेणी संगम के पास सांड गाव ,नाहरगढ़, सहित बड़लियास थाना क्षेत्र के दोवनी,जीवाखेडा, क्षैत्र सहित बनास नदी किनारे बसे आजू-बाजू के गांवों के 2 दर्जन से अधिक बजरी माफिया बीते पांच से छह सालों से बनास नदी में सक्रिय है। पुरी बनास नदी को छलनी कर के ही रख दिया जिससे नदी का स्वरूप ही बदल गया। बनास नदी में जगह-जगह गहरे खड़े हों गए जिससे क्षेत्र के सभी कुएं सूख गए बोरवेलों का जलस्तर दिन प्रतिदिन गहरा होता जा रहा है। वही बजरी के इस खेल में क्षेत्र के कहीं युवाओं को राजनीति संरक्षण मिला हुआ जल्दी अमीर बनने के लालच में युवा की बड़ी फौज अवैध बजरी प्रकरण से झुड़ी हुई हैं। जो गांव कस्बे के चौराहों पर पुलिस एवं खनिज विभाग की निगरानी करती रहती है। कहीं भी कार्रवाई हो, किस थाने का अधिकारी किस रोड पर निकलता है इसकी जानकारी सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से एक दूसरे को दी जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले लंबे समय से क्षेत्रीय पुलिस भी चाहकर भी इन बजरी माफियाओं पर कोई बड़ी कार्रवाई राजनीतिक दबाव के चलते नहीं कर पा रही थी। क्षेत्र के कई पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच छोटे-बड़े जनप्रतिनिधि भी और गांवों के प्रभावशाली लोग इस बजरी के खेल में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से अछुते नही हैं। इसी कारण गांवों की भोली भाली जनता इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत भी नहीं करती है।
माफिया के बजरी रोड फिक्स है । जीवा खेड़ा, दोवनी, नाहरगढ़ की और से आने वाले बजरी भरे ट्रक ,ट्रेलर, ट्रैक्टर, कोटा ,बिजोलिया की ओर जाने वाले बिगोद होकर नहीं निकलने के बजाय खटवाडा,से जोजवा होते हुए त्रिवेणी की ओर निकल जाते हैं जिससे बिगोद थाना बच जाता है। वही बनास नदी से बजरी भरे ट्रैक्टर भी जीवाखेडा,दोवनी, नाहरगढ़ खटवाड़ा, माली खेड़ा, बीगोद, के ट्रैक्टर भी मेहता जी का खेड़ा,सुरास, केक कच्चे रास्तों पर निकालते रहते हैं जोजवा, सराणा, विट्ठलपुरा ,बागीद , धाकड़ खेड़ी, सिंगोली चारभुजा, बरूदनी चौराया होते हुए चौराहा होते हुए भिचौर के बिच से कच्चे रास्तों पर होते हुए बेगू की ओर तो दिन रात निकलते देखे जाते हैं।