मजबूरी तीन माह से भूख प्यास से तड़प रहीं माया को छोड़ गया राम देखभाल करने वाला कोई नहीं

मजबूरी तीन माह से भूख प्यास से तड़प रहीं माया को छोड़ गया राम देखभाल करने वाला कोई नहीं
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लाडपुरा ( शिव लाल जांगिड़ ) लाडपुरा. कस्बे में अनुसूचित जन जाति परिवार में जन्मी बच्ची माया को उसका पिता राम लाल बेसहारा छोड़ गया। विधि की विडंबना देखिए कि उसकी माता बहुत साल पहले ही चल बसी। अब पिता भी इसे इस हालत में छोड़ कर चला गया। तीन माह से यह बालिका भूख प्यास से तड़फ रही है । माया के लिए जीना दुष्कर हो गया है। माया की देखभाल करे तो कौन करे। बच्ची मंदबुद्धि के साथ चलने फिरने की स्थिति में नहीं है। मोहल्ले वासी रोटी देते तो खा लेती नहीं तो भूख से तड़पती रहती है। है। बाकी कोई देखभाल करने वाला नहीं है। रात में पापा पापा चिल्लाती रहती है। माया के घर रात भर अंधेरे का सन्नाटा पसरा रहता है। वही मकान भी जंगल के नजदीक बना हुआ है। जिससे जंगली जानवरों का डर बना रहता है। माया की मां के निधन के बाद पिता परवरिश कर रहा था परंतु आर्थिक तंगी के चलते इलाज नहीं करवा पाया। पिता माया के दिव्यांग होने, आर्थिक तंगी के चलते लगभग तीन महीने से अकेले भगवान के भरोसे छोड़कर मकान के ताला लटका गांव से कहीं अन्यत्र चले गए। अब माया खुले में जीवन जीने को मजबूर है। दिन भर पानी और भूख से तड़पती रहती है। वही इस भीषण गर्मी के 43 डिग्री तापमान में धूप में बैठी रहती है।

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