बोरेला पंचायत में बने कई फर्जी पट्टे, सरपंच से लेकर तहसीलदार पर मिलीभगती का आरोप, जिला कलेक्टर ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

बोरेला पंचायत में बने कई फर्जी पट्टे, सरपंच से लेकर तहसीलदार पर मिलीभगती का आरोप, जिला कलेक्टर ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट
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भीलवाड़ा (हलचल)। जिले की बोरेला ग्राम पंचायत में अधिकारियों और सरपंच की मिली भगती से फर्जी पट्टे जारी करने की जिला कलेक्टर को लिखित में शिकायत की है जिसमें साक्ष्य पेश करते हुए सरपंच के खिलाफ जांच कमेटी बिठा कार्रवाही की मांग की है। इस मामले को जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधु ने गंभीरता से लेते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।

ग्राम पंचायत बोरेला के ग्राम जूना भैरूखेड़ा के निवासी मुकेश नाथ योगी ने जिला कलेक्टर को गत 2 जून को दिए गए शिकायत पत्र पर एक कमेटी गठित करने का एक आदेश कलेक्टर ने दिया था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर योगी ने फिर लिखित में कलेक्टर से शिकायत की। जिसे जसमीत सिंह ने गंभीरता से लिया है।

योगी ने बताया कि ग्राम पंचायत बोरेला में सरपंच कंचन देवी कोली के अलावा उप पंजीयक आसींद, विकास अधिकारी आसींद और अवधेश सिंह ग्राम पंचायत बोरेला पर फर्जी पट्टे का आरोप लगाते हुए इस मामले में गहन जांच की मांग की है।

योगी ने जिला कलेक्टर को दिए गए शिकायती पत्र में कहा है कि पंचायत समिति आसींद द्वारा जारी नहीं की गई एक पट्टा बुक क्रमांक 202/406,20-25 लेकिन इस पट्टा बुक के जरिए 17 पट्टे जारी कर दिए गए है। अगर पट्टा बुक ही जारी नहीं हुई तो ये पट््टे असली कैसे हो सकते है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरपंच और सचिव की मिलीभगत से एक ग्राम पंचायत में एक व्यक्ति को एक ही पट्टा जारी किया जा सकता है। परंतु एक व्यक्ति को एक से ज्यादा पट्टे जारी किये है। जिसमें भैरूलाल की पत्नी रेमती के नाम तीन पट्टे जारी किये जिनमें पट्टा संख्या 02 बुक संख्या 202/406 दिनांक 20-3-25, दूसरा पट्टा इसी बुक में पट्टा संख्या 11 और तीसरा पट्टा भी इसी बुक में दिनांक 20-3-25, पट्टा संख्या 43 में जारी किया गया। इसी तरह भैरूलाल गुर्जर के नाम से भी तीन पट्टे जारी किये गए है। बुक संख्या वही है लेकिन पट्टा संख्या 10,13 और 44 है। जबकि भाली पत्नी धन्ना गुर्जर के नाम दो पट्टे जारी किए गए है। इनमें 43 और 50 नवम्बर के है। ये सभी पट्टे फर्जी होने का आरोप लगाया गया है। ये ही नहीं एक बड़ा आरोप यह भी लगाया गया है कि पट्टा नम्बर 24 एक व्यक्ति के नाम नहीं बल्कि पांच व्यक्तियों के नाम जारी कर दिए गए है। ऐसे पट्टों की रजिस्ट्री भी पंजीयन कार्यालय में हो गई है। इससे भी बड़ा आरोप यह लगाया गया है कि पट्टों की रजिस्ट्री पर फोटो भी नहीं लगाए जा रहे है। इसमें उदाहरण 11 मार्च 2025 को हुई एक रजिस्ट्री का दिया गया जिसमें रजिस्ट्री क्रमांक 2025030271011089 दिनांक 8-49-2025 है जो सभी फर्जी है और तहसीलदार पर भी इस मामले में लिप्त होने का आरोप लगाया। यही नहीं चारागाह भूमि के पट्टे भी जारी करने की बात सामने आई है।

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