पुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी से चिकित्सा सेवाएं प्रभावित

पुर। उपनगर पुर का एकमात्र राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब क्रमोन्नत हो गया है, लेकिन यहां चिकित्सकीय सेवाओं में भारी कमी महसूस की जा रही है। केंद्र में आवश्यक स्टाफ की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने के बावजूद पिछले तीन वर्षों से डी. डी. सी. हैल्पर, लैब टेक्नीशियन, लैब क्लीनर और बाँच बाय जैसे कर्मी लगातार सेवाएं दे रहे थे। लेकिन केंद्र के क्रमोन्नत होने के बाद इन कार्मिकों की सेवाएं रोक दी गई हैं।
इस वजह से अस्पताल में सफाई, झाड़ू-पोछा, लैब की सफाई और दवा वितरण जैसी बुनियादी सुविधाओं पर असर पड़ा है। सामान्य खून और पेशाब की जांच जैसी साधारण चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
उपनगर पुर में करीब 50,000 की आबादी है और प्रतिदिन औसतन 300 से अधिक ओपीडी पर्चियां कटती हैं। यदि कर्मियों को वापस नहीं लगाया गया, तो मरीजों को गंभीर असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
चिकित्सा अधिकारी प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुर ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भीलवाड़ा को पत्र भेजकर डी. डी. सी. हैल्पर पीयूष पुरोहित, लैब टेक्नीशियन जगदीश बिश्रोई, लैब क्लीनर संजू धोबी और बाँच बाय लखन गोरन को पुनः केंद्र में लगाने की मांग की है।
अधिकारियों का कहना है कि सभी कर्मियों की सेवाएं सराहनीय और संतोषजनक रही हैं और उनकी बहाली से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्य सुचारू रूप से चल सकेगा।
