चावंडिया तालाब में प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट, प्रकृति प्रेमियों में उत्साह

चावंडिया तालाब में प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट, प्रकृति प्रेमियों में उत्साह
X

भीलवाड़ा। गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ ही भीलवाड़ा जिले के सवाईपुर कस्बे के निकटवर्ती पक्षी ग्राम चावंडिया में सात समंदर पार से आए विदेशी मेहमानों का कलरव गूंजने लगा है। रूस, मंगोलिया, चीन और यूरोप जैसे सुदूर देशों से हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर पहुंचे प्रवासी पक्षियों की आवक से चावंडिया तालाब की रौनक कई गुना बढ़ गई है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार इन पंखधारी मेहमानों की आमद दिसंबर तक जारी रहेगी।

इस वर्ष तालाब में पानी की बेहतर आवक हुई है, जिसने इसे प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल आश्रय स्थल में बदल दिया है। शरद ऋतु की शुरुआत के साथ ही ठंड से बचने के लिए यह पक्षी अपने मूल स्थानों से यहां का रुख करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बार पेंटेड स्टॉर्क (जांघिल) की संख्या संतोषजनक है। इनके घोंसलों में अंडों से निकले नन्हे चूजों की चहचहाहट पूरे तालाब क्षेत्र को गुंजायमान कर रही है।

पेंटेड स्टॉर्क के अलावा यूरेशियन स्पूनबिल और ग्रे हेरोन भी बड़ी संख्या में दिखाई दे रहे हैं। आने वाले दिनों में बत्तक प्रजाति के पक्षी—ग्रे लेग गूज, बार हेडेड गूज और रूडीशेल डक (सुरखाब) की आमद से तालाब की जैव विविधता और निखरेगी। चावंडिया तालाब की प्राकृतिक सुंदरता, मध्य में स्थित टापू और प्रदूषण मुक्त वातावरण इन विदेशी परिंदों के लिए इसे आदर्श ठिकाना बनाते हैं। स्थानीय निवासियों का सकारात्मक रुख भी पक्षियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करता है।

प्रवासी पक्षियों के आगमन से स्थानीय लोगों और पर्यटकों में उत्साह का माहौल है। पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर सुबह-शाम तालाब किनारे पहुंचकर इन अद्भुत मेहमानों की गतिविधियों को कैद करने में जुटे रहते हैं। पक्षियों के झुंड का उड़ान भरना और पानी में भोजन तलाशने का दृश्य हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। जिला प्रशासन द्वारा पिछले वर्षों में आयोजित पक्षी महोत्सव ने भी इस स्थल को एक प्रमुख पक्षी विहार के रूप में पहचान दिलाई है। भीलवाड़ा का यह पक्षीग्राम शरद मौसम में प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

Tags

Next Story